बीकानेर abhayindia.com तेरापंथ के आचार्य श्री महाश्रमण सहित 32 व्यक्तियों के खिलाफ सिरयारी थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर को लेकर बीकानेर में जैन समाज के लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे बेबुनियाद और झूठा मामला करार दिया है। यह मामला सुरेन्द्र सुराणा की ओर से दर्ज कराया गया है। आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि आचार्य महाश्रमण अन्तरराष्ट्रीय स्तर के संत हैं। नैतिकता, सद्भावना व अहिंसा को लेकर पड़ौसी देशों एवं पूरे भारत वर्ष की पदयात्रा कर रहे हैं। यह एफ.आई.आर. मनगढ़ंत एवं वास्तविकता से परे कपोल कल्पना है। सुरेन्द्र सुराणा पिछले दो वर्षों से लगातार तेरापंथ धर्म संघ के प्रति दुष्प्रचार कर रहे हैं। झूठे मुकदमे, धमकियां देने एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग करके श्रद्धालुओं को भड़का रहे हैं। झूठी, असत्य बातें लिखकर न्यायालय को भी भ्रमित कर रहें हैं।
छाजेड ने बताया कि तेरापंथ धर्मसंघ की संस्थाओं में एक पद पर एक व्यक्ति लम्बे समय तक नहीं रह सकता हैं। इसके बावजूद वो अध्यक्ष पद पर रहना चाहते थे। तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण, कुछ प्रबुद्ध साधुओं एवं समाज के उच्च पदाधिकारियों के खिलाफ अनर्गल कहते आ रहे हैं। जगह-जगह से न्यायालयों में मुकदमे दर्ज करवाकर समाज के शान्तिप्रिय वातावरण को दूषित करते हुए धमकियां दे रहे हैं कि सभी को न्यायालय में बुला लूंगा तथा हिरासत में डलवा दूंगा।
छाजेड ने बताया कि इस एफ.आई.आर. में मेरा भी नाम दर्ज करवाया गया है जो सभी तरह से झूठा है। हाल ही में मुम्बई के ठाणा जिले की अदालत ने सुरेन्द्र सुराणा को फटकार लगाई कि इस तरह के बेतुके मुकदमे करके न्यायालय का समय बर्बाद न करें।
सुरेन्द्र सुराणा ने मीडिया को भी भ्रामक जानकारी देकर तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य एवं संघ को दुर्भावनापूर्ण ढंग से बदनाम करने का जो प्रयास शुरू किया है उसका पूरे देश एवं विदेश में समाज के लोगों ने भर्त्सना करते हुए सद्बुद्धि की कामना की है। समाज के युवाओं में भारी रोष है। सरकार को इस तरह की सोच के व्यक्तियों पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए जो श्रद्धालुओं को उकसाते हैं सामाजिक सौहार्द एवं शान्ति को भंग करते हैं।
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