बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। राजस्थान अनुदानित समायोजित शिक्षाकर्मी संघ (वेलफेयर सोसायटी) की आगामी 11 फरवरी को यहां रतन बिहारी पार्क में दोपहर बारह बजे आयोजित होने वाली बैठक में पेंशन प्रकरण की समीक्षा करते हुए आगामी रणनीति तय की जाएगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल में एक आदेश में समायोजित शिक्षाकर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत पेंशन प्राप्ति का हकदार बताया था।
संघ के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश बाना ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय उक्त आदेशों के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए संघ से जुड़े दो प्रतिनिधि बीकानेर आ रहे हैं। वे इस बैठक में न्यायालय की ओर से पेंशन के संबंध में दी गई व्यवस्था के बारे में जानकारी देंगे। इस दौरान इस मुद्दे को लेकर संघ की ओर से तय की जाने वाली आगामी रणनीति पर भी गहन विचार विमर्श किया जाएगा।
बुगालिया का जताया आभार
संघ के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश बाना ने पेंशन के मामले में समायोजित शिक्षाकर्मियों को अब तक मिली सफलता के लिए संघ के प्रदेशाध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके प्रयासों से ही शिक्षाकर्मियों के हित में न्यायालय का फैसला आया है। उल्लेखनीय है कि समायोजित कर्मियों के पेंशन प्रकरण को लेकर संघ के प्रदेशाध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी थी। उनके अलावा पांच अन्य अलग-अलग याचिकाएं भी दायर की गई थी। न्यायालय ने इन सभी याचिकाओं की सुनवाई करते हुए समायोजित शिक्षाकर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ देने के आदेश जारी किए थे। न्यायालय के इस आदेश से शिक्षाकर्मियों में खुशी की लहर छाई हुई है। अब वे आगामी रणनीति तैयार करने के लिए आगामी 11 फरवरी को बैठक करने जा रहे हैं।
उच्च न्यायालय ने बताया पेंशन का हकदार
राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसाईटी की ओर से दायर याचिका का निस्तारण करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास व न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ की ओर से गत 2 फरवरी को दिए गए 68 पृष्ठों के आदेश में समायोजित शिक्षाकर्मियों को पेंशन प्राप्ति का हकदार बताया था। इसके अलावा प्रमोशन व कॅरियर एडवांसमेंट आदि के लिए याचिकाकर्ताओं को राज्य सरकार को आवेदन कर सकने की छूट प्रदान करते हुए सरकार से इनके आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के निर्देश दिए थे। न्यायालय ने राजस्थान वॉलियंटरी रूरल एजूकेशन सर्विस रूल्स 2010 के तहत ग्रांट इन एड प्राप्त निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में समायोजित कर्मचारियों को आंशिक राहत प्रदान की।
छह साल पहले दायर हुई याचिकाएं
राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसाईटी अध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया व करीब 90 अन्य की ओर से करीब छह वर्ष पूर्व पेंशन को लेकर याचिकाएं दायर की गई थी। याचिकाओं में पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्र ङ्क्षसह सिंघवी, मनोज भंडारी, अखिलेश राजपुरोहित, एस. एस. राठौड़ व राकेश मटोरिया आदि ने पैरवी करते हुए समायोजित कर्मचारियों को अन्य सरकारी शिक्षाकर्मियों की तरह पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति के परिलाभ का भुगतान करने, निजी स्कूलों में की गई नौकरी की वरिष्ठता जोडऩे, पदोन्नति आदि का हक दिए जाने की गुहाई लगाई थ्ी। सुनवाई के बद पिछले दिनों खंडपीठ ने इसका निर्णय सुरक्षित रख लिया था। सरकार की ओर से एएजी पी. आर. सिंह, दिनेश ओझा, एएजी राजेश पंवार, कुलदीप माथुर, डी. एस. सोढ़ा ने पैरवी की।
दो माह का दिया वक्त
राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार उक्त पेंशन का लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को एडेड संस्था में नियुक्ति तिथि के बाद प्राप्त की गई प्रोविटेंड फंड की राशि छह प्रतिशत ब्याज सहित जमा करानी होगी। यह राशि जमा कराने के लिए न्यायालय ने फैसले की तिथि से दो माह तक का समय दिया है।
हाईकोर्ट से मिली राहत से उत्साह, 11 को तय होगी आगामी रणनीति
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