अभय इंडिया डेस्क.
देश में मिलावटी दूध का कारोबार दिनोंदिन अपने पैर पसारता जा रहा है। इसके बावजूद इस पर प्रभावी नियंत्रण नहीं लग रहा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में सामने आए तथ्य बेहद चौंकाने वाले है। इसके अनुसार देश में दूध का हर तीसरा नमूना फेल निकला है। इस रिपोर्ट में खुलासे के बाद केंद्र सरकार ने मिलावटी दूध पर सख्ती बरतने के लिए राज्यों को विशेष निर्देश दिए हैं।
देश मेंं सबसे ज्यादा मिलावटी दूध उत्तर प्रदेश में बिक रहा है। यहां पिछले एक वर्ष में 2 हजा 468 नमूनों में से 1 हजार 306 मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में हर दूसरा दूध का सैंपल फेल मिल रहा है, जबकि करीब 26 प्रतिशत केस ही अदालतों तक पहुंचे हैं।
दूध में मिलावट को लेकर वार्षिक प्रयोगशाला रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 से 2017 के बीच देश भर से दूध के 25 हजार 335 नमूने लिए। इनमें से 21 हजार 925 नमूनों की जांच कराई तो 6 हजार 450 मिलावटी निकले। दूध में मिलावट करने वालों के विरुद्ध 496 आपराधिक मामलों सहित 4 हजार 750 मामले दर्ज हुए। इनमें से 1 हजार 290 मामलों में अपराधियों पर अदालत में दोष सिद्घ हो सका, जबकि 2 हजार 294 पर जुर्माना लगाया गया।
दूध में घातक रसायन
चिकित्सकों की मानें तो दूध में यूरिया जैसे घातक पदार्थों और कई तरह के अन्य रसायन मिलाए जा रहे हैं, इससे लोगों को सीधेतौर पर किडनी और लिवर संबंधी बीमारी होती है। ऐसे में सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।
दूध का हर तीसरा सैंपल मिलावटी
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