बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। पारिवारिक न्यायालय, बीकानेर के पीठासीन अधिकारी ने कुलदीप गजानन बनाम चंचल के मामले में प्रार्थी कुलदीप गजानन के विवाह विच्छेद आवेदन पत्र पर विचारण के बाद उनको विवाह विच्छेद की डिक्री जारी की। यह फैसला प्रार्थी कुलदीप गजानन की ओर से अपनी पत्नी चंचल के क्रूरतापूर्ण व्यवहार के आधार पर हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 के अन्तर्गत दायर किए गए दावे में रामपुरिया विधि महाविद्यालय में आयोजित मूट कोर्ट में सुनाया।
इस मूट कोर्ट में न्यायाधीश, वकील, पेशकार, स्टेनो, वादी, प्रतिवादी, गवाह एवं अन्य न्यायिक कर्मचारियों की भूमिका महाविद्यालय के विधि विद्यार्थियों ने निभाते हुए सभागार में न्यायालय के जैसा माहौल बना दिया। मूटकोर्ट में मुख्य अतिथि के रूप में बीकानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रविकान्त वर्मा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में राजकीय विधि महाविद्यालय बीकानेर के वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. भगवानाराम विश्नोई उपस्थित थे। उन्होने पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद छात्रों को एवम् विधि व्याख्यातागणों को इस मूटकोर्ट के सफलता पूर्वक मंचन पर बधाई दी।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट वर्मा ने कानून की पेचिदगियों की ओर छात्रों का ध्यान आकर्षित किया तथा कहा कि इस प्रकार के आयोजन निश्चित रूप से अधिवक्ता व्यवसाय को शुरू करने वाले विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि न्याय केवल दिया ही नहीं जाना चाहिए बल्कि उसका आभास भी होना चाहिए कि न्याय हुआ है।
इस मूटकोर्ट के पर्यवेक्षक एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में राजकीय विधि महाविद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. भगवानाराम विश्नोई ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस तरह के आयोजन विधि विद्यार्थियों के हितार्थ आवश्यक है।
मूट कोर्ट प्रभारी डॉ. बालमुकुन्द व्यास ने बताया कि यह मूट कोर्ट महाविद्यालय के व्याख्याता डॉ. रीतेश व्यास एवं डॉ. राकेश धवन के निर्देशन में विधि तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने मंचित किया।
महाविद्यालय में मंचित इस मूट कोर्ट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पीराणे खान, पेशकार के रूप में पवन रावल, स्टेनो निजाम शाह, सहायक कर्मचारी के रूप में रफीक भाटी, वादी के रूप में निशान्त खत्री, प्रतिवादी के रूप में चेतना पारीक, वकील वादी के रूप में तंजीम, वकील प्रतिवादी के रूप में जुबेर अहमद, साक्षी के रूप में मयंक जोशी, पंकज सांई, नावेद खान, जशोदा शर्मा, देवकिसन पुरोहित, परवेज शाह, पंकज स्वामी ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।
इससे पूर्व स्वागतीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनन्त जोशी ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ इण्डिया के निर्देशानुसार विधि विद्यार्थियों के लिये इस प्रकार के मूटकोर्ट को पाठयक्रम में रखा गया है ताकि विद्यार्थी न्यायालय की औपचारिक एवं तकनीकी प्रक्रिया से भलीभांति परीचित हो सके।
कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय के व्याख्याता डॉ. शराफत अली ने अतिथियों का औपचारिक रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के व्याख्याता एस.के. भाटिया, प्रीति कोचर, किसन कुम्हार, मगन सोलंकी उपस्थित थे।
मूटकोर्ट में सुनाया अहम् फैसला
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