जयपुर Abhayindia.com ऊर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि घरेलू तथा कृषि कनेक्शनों में ट्रांसफार्मर जलने पर डिस्कॉम द्वारा कोई राशि नहीं ली जाती है। उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि चितौड़गढ़ जिले में विद्युत ट्रांसफार्मर बदलने में अगर राशि वसूली गई है या ठेकेदार द्वारा राशि उठा ली गई है तो इसकी जांच करवा ली जाएगी।
भाटी ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि घरेलू तथा कृषि कनेक्शनों में ट्रांसफार्मर जलने पर डिस्कॉम के द्वारा ही बदला जाता है तथा कोई किराया नहीं लिया जाता है। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र चित्तौडगढ में विगत तीन वर्षों में घरेलू उपभोक्ताओं के 2 हजार 683 मीटर जले तथा कृषि उपभोक्ताओं के 329 मीटर जले है। उन्होंने बताया कि यदि कोई उपभोक्ता आबादी क्षेत्रा से दूर सिंगल कनेक्शन स्व वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत करवाते है तो उन कनेक्शनों में ट्रांसफार्मर के गारंटी अवधि में जलने पर उपभोक्ता से राशि वसूल नहीं की जाती हैं, लेकिन गारंटी अवधि के बाद जलने पर उपभोक्ता से राशि वसूल की जाती हैं।
इससे पहले भाटी ने प्रश्नकाल में विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि सामान्य मामलों में जले हुए ट्रांसफार्मर डी.पी. की मरम्मत या लागत की राशि उपभोक्ता से वसूल नहीं की जाती है। उन्होंने बताया कि स्व वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत जारी किये गये कनेक्शनों में ट्रांसफार्मर के गारंटी अवधि में जलने पर उपभोक्ता से राशि वसूल नहीं की जाती हैं, लेकिन गारंटी अवधि के बाद जलने पर उपभोक्ता से ट्रांसफार्मर की राशि वसूल की जाती हैं।
उन्होंने बताया कि मीटर जलने पर ’विद्युत आपूर्ति के लिए नियम एवं शर्ते– 2021’ में वर्णित प्रावधानानुसार मीटर सुरक्षा राशि वसूलने अथवा नहीं वसूलने का निर्णय लिया जाता है। उन्होंने प्रावधानों की प्रति सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र चित्तौडगढ में विगत तीन वर्षों में घरेलू उपभोक्ताओं के 2 हजार 683 मीटर जले जिसकी एवज में राशि 14 लाख 71 हजार 500 रुपये वसूल किये गये। इसके अतिरिक्त कृषि उपभोक्ताओं के 329 मीटर जले जिसकी एवज में राशि 4 लाख 82 हजार 850/- रुपये वसूल की गई। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा।
भाटी ने बताया कि जले हुए ट्रांसफार्मरों के लिए विभाग द्वारा किसी प्रकार की राशि वसूल नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि ट्रांसफार्मर एवं मीटर के खराब होने अथवा जल जाने पर बदलने संबंधी कार्यवाही राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा निर्धारित प्रावधानों के तहत की जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अन्य कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।