बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर के पूर्व राजघराने की संपत्ति का विवाद गर्मा रहा है। इस बीच, एक ताजा मामले में अदालत से तैनात मौका कमिश्नर को दो बार लालगढ़ के शिव विलास में प्रवेश नहीं देने के बाद अब तीसरी बार आदेश दिए गए हैं। इस बार मौका कमिश्नर अपने साथ पुलिस ले जा सकते हैं। इतना ही नहीं अदालत ने इस मामले में बीकानेर पूर्व की विधायक सहित कई जनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
मामले के अनुसार, पूर्व राजघराने की सदस्या राज्यश्री कुमारी और बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी के बीच चल रहे विवाद के अदालत में पहुंचने पर राजमाता सुशीला कुमारी की संपत्ति को खुर्द-बुर्द होने से रोकने के लिए अदालत ने त्रिलोचन शर्मा को मौका कमिश्नर नियुक्त किया था। पहले शर्मा को लालगढ़ के बाहर ही रोक दिया गया। दूसरी बार गए तो लालगढ़ में प्रवेश मिला लेकिन अंदर स्थित शिव विलास में कमरे बंद थे। 3 दिसम्बर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया था परन्तु न्यायालय आदेश के बावजूद मौका कमिश्नर को शिव विलास, लालगढ़ पैलेस में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
बुधवार को मौका कमिश्नर त्रिलोचन शर्मा ने अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश करते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें 30 नवम्बर को शिव विलास, लालगढ़ पैलेस में गार्ड ने यह कहकर प्रवेश नहीं करने दिया कि सिद्धी कुमारी यहां नहीं हैं। उनकी इजाजत के बिना किसी को भी प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा। लालगढ़ पैलेस के दरवाजे बंद कर ताला लगा दिया। ऐसे में राजमाता सुशीला कुमारी की संपत्तियों की सूची नही बन पाई।
इधर, बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धी कुमारी के अधिवक्ता ने आवेदन प्रस्तुत कर मौका कमिश्नर की नियुक्ति पर उनकी सहमति को वापस लेने का आग्रह किया। अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। सिद्धी कुमारी व गार्ड अविनाश व्यास को जानबूझकर न्यायालय के आदेश की पालना ना होने देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही अदालत ने मौका कमिश्नर त्रिलोचन शर्मा को निर्देश दिए हैं कि ही पुन: शिव विलास, लालगढ़ पैलेस जाकर निरीक्षण करें और रिपोर्ट 6 दिस बर को प्रस्तुत करें।
अदालत ने सिद्धी कुमारी के अधिवक्ता को हिदायत दी कि वे न्यायालय के आदेश की पालना सुनिश्चित करें। यदि अब किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न किया जाता हैं तो कमिश्नर द्वारा नियमानुसार पुलिस फोर्स की मांग की जा सकेगी।