बीकानेर Abhayindia.com शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य एवं प्रदेश संस्थापक मदन मोहन व्यास के नेतृत्व में शिक्षा निदेशालय के सामने मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी एवं काउंसलिंग की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना रविवार को सातवें दिन भी जारी रहा।
प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की रिव्यु एवं नियमित डीपीसी करने में जान बूझकर विलम्ब किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों को प्रतिमाह हजारों रूपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग को छोड़कर अन्य विभागों में मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी लगातार हो रही है। इससे शिक्षा विभाग में भारी आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
आचार्य ने बताया कि उच्च स्तरों को ईमेल के द्वारा आज पुनः पत्र भेजकर पुरजोर मांग की गई है कि स्कूल शिक्षा विभाग में संस्थापन अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, (निदेशालय स्तर पर) सहायक प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक (मण्डल स्तरों पर) एवं कनिष्ठ सहायक के पदों की (जिला स्तरों पर) 2023-24 तक की रिव्यु तत्पश्चात् 2024-25 की नियमित डीपीसी जिसमें लोक सेवा आयोग से चयनित 1986 के कार्मिकों, पंचायत राज विभाग से आये कार्मिकों, दिव्यांगजनों के प्रकरणों को निस्तारित करते हुए केडर रिव्यु के आधार पर 01.04.2017 एवं 01.04.2023 से संशोधित पदों तथा नवसृजित जिलों के कार्यालयों में मंत्रालयिक संवर्ग के नवसृजित पदों को शामिल किया जावे। ताकि कोई भी योग्य कार्मिक पदौन्नति के लाभ से वंचित नहीं रहे।
रविवार का अवकाश होने के बावजूद धरने पर मदन मोहन व्यास प्रदेश संस्थापक, कमलनारायण आचार्य प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश कोषाध्यक्ष नवरतन जोशी, जितेन्द्र गहलोत, रविन्द्र पुरोहित आदि बैठे तथा धरने के समर्थन में कमल नयन सिंह, महेश कुमार गहलोत, रघुनाथ भादाणी, मक्खनलाल वर्मा, शंकर पुरोहित, अशोक सांखला आदि शामिल हुए।