तीन हफ्ता होयग्या। बीकानेर सूं बारै हूं। पण खबर हर घड़ी री मिलै। जिकै दिन सिंझ्या बस सूं निकळ्यो। दूजै दिन दिनूगै सूं बसां-ट्रेनां सब बंद। कोरोना रै कारण बीकानेर रौ पैली बार कर्फ्यू सूं साबको पड़्यो बतावै। दो वारडां में महाकर्फ्यू है। मजबूरी है घर में रैवण री। अमूझणी ई आंवती हुवैला। इयां कदैई रजिया फंसी कोनी ही। पण कर्यो कांई जावै! हार्यै नै हरिनाम। कोरोना मौत रो दूजो नाम। डरतां गोगो धो-णो पड़ै। धो-णो ई चाईजै।
दिनूगै-दिनूगै कब्ज-हाजत रै हेवा लोगां रा और ई माड़ा हाल। कचौरी, मिरची बड़ौ का दो समोसा दाब्यां बिना हाजत ई नीं हुंवती होसी। अठीनै जरदै-गुटकै रौ स्टॉक खतम हुयग्यौ होसी। आ तो कोढ में खाज। दूणा दाम दियां ई दरसण नीं हुंवता हुवैला। बडेरा कूड़ बोलता— ‘रूपली पल्लै तो खोड़ में ई चल्लै! ‘ खोड़ री तो छोडो, शहर में ई कठै चल्लै? ठा है मन्नै। समोसा-कचोळी बिना तो सार लेसौ। पण जरदो-गुटकौ तो संजीवण बूंटी है आपणी। ईं बिना अेक घड़ी ई नीं आवड़ै। आंख्यां आडा तिरवाळा आंवता हुसी। पण कंट्रोल करणो सीखो! मौको है आप कनै। कैंसर रै इण कूटळै नै छोड-छिटकावो। काळाबजारी करणियां री ई आंख खुल जासी।
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आखातीज अर बीकानेर मांय किन्ना नीं उडै! ओ तो पूरै स्हैर सारू ई महाकर्फ्यू मानो। पण आ आपणै धीरज री अग्नि-परीक्षा है। इणमें खरा उतरग्या तो समझो भव तरग्या। चांदल, जीभल, पटियल, फरियल, गिलासल, भूतल सब भखारियै में धर्या रैसी। पूरी तरै बॉय-काट! पैली तो खाली चाइनीज मंजै पर प्रतिबंध हो। अबकै चाइना सूं चाल्योड़ो कोरोना किन्ना अर डोर सागै ‘बो ई काटा’ रै सोर माथै ई प्रतिबंध लगा दियो। लटाई में सादी री गट्टियां मत भरौ। प्रसासन रै आदेसां री पाळणा करौ। लखदाद रातीघाटी नै अर लखदाद थांरी छाती नै।
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नगरसेठ लिखमीनाथ रो मिंदर ई साव सूनो बतावै। पछै गुफा-बगीच्यां तो हुवणी ई है। घरै ई घोटो अर घरै ई पीवो। झारिया चेतन राखो। महादेव संभो! देसनोक री डोकरी अर बीकाणै रो नाथ बेल है। बम-गोळा ई कीं नीं बिगाड़ सक्या। कोरोना सूं टाळो लेवो। चाइनीज खीरौ पाछौ चाइनै घलावौ। कांदै-रोटी सूं काम चलावो। सावधानी हटी, दुरघटना घटी।
तफरी बिना महीनै-भर में सांस कोनी निकळै। छपनियै काळ रो ध्यान धरो। बडेरां नै चेतै करो। बै खेजड़ी रा छोडा खाय,र दिन काट्या। कंटाळा भरूंटियां रा दाणा छांट्या। कूट-पीट, र चूरो कर्यो अर आपरौ पेट भर्यो। बो ‘तिरकाळ’ (दाणै, पाणी अर चारै तीनां रो काळ) हो। बेजां मानखो मर्यो। अेक नै बाळ,र आंवता। लारै च्यार त्यार लाधता। पसुआं री तो गिणती ई कुण करै हो। च्यारूंमेर ढोर-डांगरा रा ढिग दीसता।
आज बीं काळ सूं ई विकराळ है— कोरोना वायरस। ईं नै आंटाचित्त लावण सारू पूरो देस लाग्योड़ौ है। प्रसासन जाग्योड़ौ है। पुलिस अर प्रसासन आपणै भलै वास्तै करै। डाक्टर ई इण सूं कोनी डरै। बै रात-दिन जाग्योड़ा है। आपां रै ई काम में लाग्योड़ा है। बांकंरी हूंस बधावो। म्हनै कीं ना कैवौ। आपरै घर में रैवो। सोशियल डिस्टेंस बणायी राखो। वाट्सअेप अर फेसबुक माथै पोस्टां चेप्यां राखो।
-शंकरसिंह राजपुरोहित
राजपुरोहित रैवास
क्रपाळ भैरूं मिंदर चौक,
सर्वोदय बस्ती, बीकानेर 334004
मो. 7610825386