बीकानेर abhayindia.com उत्तर कोरोना में एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में तेजी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता भारत जैसे देश मैन्युफैक्चरिंग का हब बन सकते हैं और विकसित देश चीन की जगह भारत को अपने बाजार में विकल्प दे सकते हैं।
यह विचार व्यक्त किए एमजीएसयू के इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मेघना शर्मा ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग और माताजी जीतो जी कन्या महाविद्यालय सूरतगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित त्रि दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी को अंतिम दिन संबोधित कर रही थी।
माता जीतो जी कन्या महाविद्यालय, सूरतगढ़ के डॉ. मोहिनी दइया, डॉ नीलम शर्मा, नंद किशोर सोमानी के संयोजन में दिनांक 7 अगस्त से 9 अगस्त 2020 के मध्य आयोजित इस संगोष्ठी का विषय था कोविड-19 सामाजिक परिदृश्य में बदलाव और तकनीकी शब्दावली।
डॉ. मेघना ने अपने उद्बोधन में इतिहास से स्पेनिश फ्लू व स्वाइन फ्लू का उदाहरण देते हुए कहा कि महामारियों के इतिहास में कोरोना सबसे जटिल साबित हुआ है जिसने वर्तमान में अर्थव्यवस्था को तो पंगु किया ही है साथ ही साथ वैश्वीकरण के अहम मुद्दे को भी बहुत पीछे धकेल दिया है।