जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश की विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर नेताओं में आपसी खींचतान तेज हो गई है। एक खेमा जहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पक्ष में खड़ा दिखाई दे रहा है, तो दूसरा खेमा प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के साथ नजर आ रहा है। हाल में पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री लालचंद कटारिया के बयान से पार्टी नेतृत्व में दुविधा में फंस गया है। नेतृत्व अब तक पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के चेहरे और सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लडऩे की बात कहता आ रहा है। इस बीच पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री लालचंद कटारिया ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग करके आपसी खींचतान को और हवा दे दी है।
कटारिया ने कहा कि यदि गहलोत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया गया तो कांग्रेस चुनाव में जीती हुई बाजी हार जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है। कार्यकर्ताओं का असमंस दूर करने के लिए गहलोत को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करके चुनाव लड़ा जाना चाहिए। सूत्रों से पता चला है कि दो दिन पहले कटारिया दिल्ली में ही थे। वहां गहलोत से मुलाकात के बाद कटारिया ने जयपुर में कहा कि भाजपा सरकार से लोगों में नाराजगी जबरदस्त है, लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व गहलोत के हाथ में होना चाहिए।
कटारिया ने यहां अपने समर्थकों से चर्चा करने के साथ ही मीडियाकर्मियों से भी बात की। कटारिया के बयान पर पर मचे बवाल के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने पार्टी द्वारा तय की गई गाइड लाइन पार करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। पांडे ने कहा कि कटारिया से उनके बयान के बारे में जवाब मांगा जाएगा। उनके इस बयान के बाद कटारिया के पक्ष में कई अन्य दिग्गज नेता भी खड़े हो गए हैं। इससे पार्टी में स्थिति विकट बन गई है।
बता दें कि इससे पहले पूर्व मंत्री भंवरलाल मेघवाल और पूर्व सांसद डॉ. हरि सिंह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग कर चुके है, वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने किसी भी एक नेता को आगे कर चुनाव लडऩे की मांग करते हुए पार्टी आलाकमान को पत्र लिखा था। विश्वेन्द्र सिंह ने पीसीसी की बैठक में सचिन पायलट के समर्थन में नेताओं के हाथ भी खड़े करवाए थे।
बहरहाल, चुनाव निकट आते देख गहलोत और पायलट के समर्थकों ने अपने-अपने नेता के पक्ष में लॉबिंग तेज कर दी है। सूत्रों की मानें तो पायलट के समर्थन में पूर्व सांसद गोपाल सिंह, पूर्व मंत्री भंवरलाल मेघवाल, राजेन्द्र चौधरी, माधोसिंह दीवान और लक्ष्मण सिंह कांग्रेसी नेता प्रयास कर रहे हैं, वहीं गहलोत खेमे की कमान कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक, परसादी लाल मीणा ने संभाल रहे हैं।
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