




जयपुर Abhayindia.com मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कांग्रेस चिंतन शिविर में लिए गए फैसलों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई दो दिवसीय कांग्रेस कार्यशाला के दूसरे दिन अपने संबोधन के दौरान भाजपा पर तीखा हमला बोला। साथ ही कांग्रेस संगठन के कमजोर होने बात स्वीकारते हुए कहा कि ‘संगठन की कमजोरी के लिए हम सभी दोषी है।’
उन्होंने कहा कि कई वरिष्ठ नेता कहते हैं कि सरकार को अच्छा काम कर रही है लेकिन संगठन कमजोर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ चंद्रभान की बात को दोहराते हुए कहा कि डॉ चंद्रभान ने कहा कि पार्टी कमजोर है यह हम सभी को स्वीकार करना चाहिए। कमजोर संगठन के लिए हम सब बराबर के दोषी हैं। गहलोत ने कार्यशाला में कहा कि राहुल गांधी ने भी कांग्रेस चिंतन शिविर में कहा था कि पार्टी का लोगों से कनेक्शन टूट गया है तो उन्होंने एक शब्द में बता दिया कि क्या खामी है, इसके लिए हम सब दोषी हैं।
सीएम गहलोत ने कहा कि पार्टी की जीत में तो सभी भागीदारी निभाना चाहते हैं, लेकिन हार में कोई भागीदार नहीं बनता है। जबकि हार और जीत की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है इस बात को विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए। सीएम गहलोत ने कहा कि पहले कांग्रेस के तीन-तीन दिन के शिविर होते थे। सभी को बोलने और अपनी बात रखने का अवसर मिलता था लेकिन अब वह परंपरा धीरे-धीरे खत्म हो रही है। कुछ चंद नेता बोलते हैं और कार्यशाला समाप्त हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। जब कार्यकर्ताओं को ही बोलने का मौका नहीं मिलेगा, क्या फीडबैक आएगा। कार्यकर्ता जनता के बीच रहता है, अगर वो आपकी खामी बताएगा तो आपको सुनने का माद्दा होना चाहिए। आलोचनाओं को सुनना चाहिए। लेकिन आजकल कोई अपनी आलोचना सुनने को तैयार नहीं है।
कलक्टर काम नहीं करता तो सरकार उसे बदल सकती है
मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार पर आरोप लगते हैं कि सरकार कार्यकर्ताओं और आमजन की जन सुनवाई नहीं करती। यह बात गलत है, हमारे जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता जिला और ब्लॉक स्तर पर लोगों की सुनवाई नहीं करेंगे तो इससे लोगों को लगता है कि सरकार काम नहीं कर रही है। अगर हमने इन सब पर अटैक नहीं किया तो जमाना हमें माफ नहीं करेगा। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कलेक्टर के पास जाना चाहिए, अगर कलेक्टर काम नहीं करता है तो सरकार उसे बदल सकती है, लेकिन कार्यकर्ता लोग अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर के पास नहीं जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी तो ऐसी ही होती है जैसे ही उनको लगने लगता है कि सरकार जा रही है तो अधिकारी मुंह फेर लेते हैं। हमारे भी जिले और ब्लॉक में 4-4 ग्रुप बने हुए हैं इसलिए सुनवाई नहीं होती है।





