









जयपुर Abhayindia.com जोधपुर के जालोरी गेट पर झंडा लगाने के विवाद में पत्थरबाजी, आगजनी और हिंसा के बाद लाठीचार्ज की घटना को लेकर भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोला है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि क्या इस तरह एक के बाद एक घटनाएं बहुसंख्यकों के मानवाधिकारों पर चोट नहीं है? कांग्रेस वैसे तो खत्म होने की ओर है। लगता है ऐसे कर्म और तुष्टीकरण कांग्रेस के डूबने का बड़ा कारण बनेगा। इसलिए मैं मुख्यमंत्री को सीधे कहना चाहता हूं कि प्रदेश की शांति, सदभाव, आम लोगों की सुरक्षा के लिए कम से कम अपने वोट बैंक की राजनीति को गुडबाय करके छोड़ें। प्रदेश की सोचें और अपनी कुर्सी की बजाय जनता की सुरक्षा की सोचें। पूनिया ने कहा स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा प्रतिमा पर अराजक तत्वों की ओर से इस्लामिक झंडे लगाने और परशुराम जयंती पर लगे केसरिया झण्डे को हटाने की निन्दा करते हैं।
पूनिया ने कहा राजस्थान में कानून व्यवस्था मेंटेन करना चुनौती बनी हुई है। जिस शांतिपूर्ण राजस्थान की मिसाल देश में दी जाती थी। आज कांग्रेस पार्टी के अशोक गहलोत के नेतृत्व में तुष्टीकरण की राजनीति के बाद प्रदेश में अशांति बनी और कानून व्यवस्था भंग हुई है। ईद से एक दिन पहले कल शाम जोधपुर में बिस्सा जी की प्रतिमा पर भगवा ध्वज को उतारकर इस्लाम का ध्वज लगाया गया। वहां तोड़फोड़ और हिंसा की गई। उसके बाद आज फिर से गाड़ियों में तोड़फोड़ और अराजकता फैलाने की कोशिश हुई। यह एक सैम्पल है। जो करौली की घटना से भी साबित हो जाता है कि ऐसी घटनाओं को सरकार के संरक्षण में किया जाता है। सवाल यह उठता है कि ऐसी घटनाएं कांग्रेस सरकार आने पर ही क्यों होती हैं। इसका मतलब है उन्हें संरक्षण मिलता है। एक तरफ PFI संगठन को कोटा में जुलूस की परमिशन दी जाती है। दूसरी तरफ रामनवमी और हिन्दू नववर्ष पर पाबंदी लगाई जाती है। 17 जिलों में धारा 144 लगाई जाती है। पाबंद करने की कार्यवाही लोगों पर होती है। कांग्रेस पार्टी के इस तुष्टीकरण के कारण अराजक तत्वों ने प्रदेश को गिरफ्त में लिया हुआ है। समय रहते नहीं चेते तो प्रदेश के लिए यह चिन्ताजनक बात है। सभी से निवेदन है कि शांति बनाए रखें। राज्य सरकार से मांग है कि अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई हो। प्रदेश में कानून का राज स्थापित हो।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा है कि हिन्दू नववर्ष के दिन करौली में दंगे के बाद अब CM अशोक गहलोत के गृहजिले जोधपुर के जालोरी गेट में हिंसक झड़प की घटना गहलोत सरकार के माथे पर कलंक है। गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीति के कारण शांतिप्रिय राजस्थान में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की दर्जनों भर घटनाएं हुई हैं ।
राठौड़ ने कहा गहलोत राज्य के गृह विभाग के मुखिया भी हैं, उनके राज में मर चुकी कानून व्यवस्था का ही सबूत है कि अब जोधपुर में बेखौफ दंगाई खुलेआम आपसी भाईचारा और सद्भाव बिगाड़ते हैं और पुलिस हर बार की तरह बेबस और लाचार नजर आती है। जोधपुर में हुई यह घटना पुलिस इंटेलीजेंस पर भी सवालिया निशान है। मुख्यमंत्री खुदके गृह जिले में हुई इस घटना का दोष अब किसको देंगे? क्या अब वह अपनी आदत के मुताबिक खुद की नाकामी का ठीकरा प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर फोड़ेंगे?





