








बीकानेर abhayindia.com जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को उस वक्त पेशोपेश की स्थिति बन गई, जब बीकानेर से मजदूरों के लिये ट्रेन रवानगी की खबरें सुन कर उत्तर प्रदेश के मजदूरों का जत्था अपने बीवी-बच्चों के कलेक्टर कार्यालय के आगे इकट्ठा हो गए।
मुरझाए चेहरों और अश्कों से भरी आंखों के साथ लोगों ने जिला प्रशासन से जैसे-तैसे करके उन्हें अपने घर भेजने की गुहार की। कुछ लोगो ने यहां तक कहा कि सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती है लेकिन राज्य सरकार ने यह तक नहीं पूछा कि वह जिंदा है या मर गए हैं। अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर बीकानेर में फंसे हैं।
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लॉकडाउन से पहले बीकानेर की औद्योगिक इकाईयों, कारखानों में काम करने वाले इन मजदूरों की पीड़ा सुनकर जिला प्रशासन के अफसरों का दिल भी पसीज गया। मौके पर मौजूद कई मजदूरों ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद से अपने-अपने घरों को जाने के लिए जतन में लगे हैं, लेकिन अभी तक कोई बंदोबश्त नहीं हुआ है।
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भोजन नहीं मिलने से परेशान श्रमिकों के लिए अकरम कोहरी एण्ड टीम और कायमखानी महासभा से जुड़े महबूब कामयखानी एवं उनके साथी मदद के लिए आगे आये। इन्होंने श्रमिकों के लिए राशन किट की व्यवस्था की। आपको बता दें यह टीम बीकानेर लॉकडाउन होने के बाद से निरंतर जरूरतमंदों को राशन किट पहुंचा रही है।





