बीकानेर abhayindia.com कोरोना वायरस से आमजन को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर किया गया जनता कर्फ्यू शहर में पूरी तरह सफल दिखाई दिया। समूचे शहर में शाम तक सन्नाटा पसरा हुआ था।
जैसे ही शाम के पांच बजे तो लोग ताली, थाली के साथ घरों की छतों और बालकनी में आ गए और खामोशी को चीरते हुए करतल ध्वनि से कोरोना को भगाने का आव्हान किया। इस दौरान कई इलाकों में जमकर आतिशबाजी भी की गई।
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने देशवासियों से खास आग्रह किया है कि वे 22 मार्च को शाम 5 बजे अपने खिड़की-दरवाजों पर खड़े होकर डॉक्टरों, पुलिस वालों, मीडिया कर्मियों, सफाई कर्मियों, होम डिलीवरी करने वालों का 5 मिनट तक आभार व्यक्त करेंगे। सुबह से जनता के कर्फ्यू को जिस तरह जनता समर्थन कर रही है वैसे ही आज शाम पांंच बजे भी अगर हम मोदी जी की ये बात भी मान लेंगे तो कोरोना जैसी महामारी विजय पाना मुमकिन है।
मालूम हो कि मंदिर घर का हो या किसी धार्मिक स्थल का, वहां घंटी तो होती ही है। इसके पीछे एक धार्मिक कारण के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मंदिर में जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है। जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है।
वातावरण में होने वाले इस कंपन का फायदा यह है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। इसी तरह ताली बजाने से हमारे शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो सही तरीके से होता है जिससे हमारे फेफड़ों में ऑक्सीजन सही तरीके से पहुंचती है ओर हम स्वस्थ रहते हैं।