










बीकानेर Abhayindia.com स्टॉक सीमा लागू करने के विरोध में व्यापारियों में रोष है।
केन्द्र सरकार की ओर से इस संबंध में जारी आदेश के खिलाफ दाल मिल्स एसोसिएशन ने दो दिन बंद का आह्वान किया था।
इसमें बुधवार को दूसरे दिन भी अनाज मंडियों के ताले बंद रहे, वहीं दाल मिलें भी नहीं खुली। व्यापारियों ने मंडी के आगे प्रदर्शन किया। बाद में प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंपा।
यह रही मांगें…
दाल मिल्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयकिशन अग्रवाल व सचिव राजकुमार पचीसिया के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन के जरिए मांग उठाई गई है कि दाल-दलहन पर लगाई गई स्टॉक सीमा हटाई जाए।
ज्ञापन में सरकार की ओर से जारी आदेश का हवाला देते हुए बताया गया है कि स्टॉक सीमा के तहत थोक विक्रेताओं एक एक तरह की दाल 100 टन और सभी तरह की दालें मिलाकर 20 टन का स्टॉक निर्धारित किया गया है। इसमें मूंग को अलग रखा गया है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयकिशन अग्रवाल के अनुसार इस समय सभी दलहन न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बिक रहा है।
किसान अपनी उपज तीन माह में बाजार में बेचकर चला जाता है जबकि उसका उपभोग पूरे साल होता है। व्यापारी बाजार भाव में माल खरीदकर आगे इसका व्यापार करता है। सचिव राजकुमार पचीसिया ने ज्ञापन के जरिए अवगत कराया है कि जिस समय उपज आती है, उस समय स्टॉक सीमा नहीं होने से व्यापारी बाजार भाव में माल खरीदता है। इस समय सरकार की ओर से स्टॉक सीमा लगाने से बाजार में अफरा तफरी का माहौल बन गया है।
श्री बीकानेर अनाज कमेटी के अध्यक्ष जयकिशन अग्रवाल एवं श्री बीकानेर कच्ची आढ़त व्यापार संघ के महामंत्री नंद किशोर राठी, दाल मिल्स एसोसिएशन के राजकुमार पचीसिया ने स्टॉक सीमा के आदेश को निरस्त करने और इसकी समीक्षा करने की मांग उठाई है। गौरतलब है कि दो दिन तक मंडियां और दाल मिलें बंद रहने से प्रदेश में करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ है।





