बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर नगर निगम पिछले लंबे समय से झगड़ों का “अखाड़ा” बन कर रह गया। महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित और आयुक्त गोपालराम बिरदा में चल रही तनातनी के बीच अब पार्षद और निगम के महिला स्टाफ में तनातनी हो गई है। बताया जा रहा है कि यदि दोनों पक्षों के बीच समझाइश नहीं होती तो नौबत हाथापाई तक पहुंच सकती थी।
मामले के अनुसार, निगम की महिला कार्मिक बबिता, भावना समेत एक दर्जन महिला कार्मिकों ने बुधवार को आयुक्त गोपाल राम बिरदा से मिलकर बताया कि वार्ड 23 की पार्षद शांति के प्रतिनिधि हेमाराम जाट, वार्ड नौ के पार्षद पार्षद विनोद धवल और मनोनीत पार्षद किशन तंवर उनके कक्ष में आए। जाट ने शहरी रोजगार गारंटी योजना के काम को लेकर बात की। उन्हें उसका जवाब दे दिया गया लेकिन, इस बीच वे अभद्र भाषा का उपयोग करने लगे। महिला कार्मिकों ने कहा कि इससे पहले भी पार्षद प्रतिनिधि गलत व्यवहार कर चुके हैं। वहीं, पार्षद प्रतिनिधि हेमाराम ने कहा कि वे श्रमिकों को लगाने के लिए चार बार चक्कर लगा चुके। 16 को श्रमिकों को काम पर लगाने का भरोसा दिया था। उसी की बात करने गया था। मैने कोई अभद्र भाषा का उपयोग नहीं किया। आरोप झूठे हैं।
इधर, निगम आयुक्त बिरदा ने इस मामले को लेकर सदर थानाप्रभारी को ज्ञापन लिखा है। जिसमें बताया गया है कि वार्ड 23 के पार्षद प्रतिनिधि हेमाराम जाट व वार्ड नौ के पार्षद विनोद धवल ने महिला कार्मिकों के साथ अभद्र भाषा का उपयोग करने के साथ ही राजकार्य में बाधा पहुंचाने का कार्य किया है।