







बीकानेरAbhayindia.com मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान और बाबा रामदेव मन्दिर सुथारान पंचायत भवन चौखूंटी मोहल्ला के संयुक्त तत्वावधान में कमला कॅलोनी स्थित सुथार पंचायत भवन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को कथा वाचक बाल संत छैल बिहारी महाराज ने अलग-अलग प्रसंगों की व्याख्या की। उन्होंने सृष्टि संरचना की विस्तृत व्याख्या, महाभारत की अन्तिम घटनाओं पर उपदेश बताए। परिक्षित के जन्म व श्रंगी मुनि द्वारा शमिक मुनि के आश्रम में राजर्षि परिक्षित को श्राप लगने तक की कथा का वर्णन, भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को भागवत श्रवण कराने की कथा व सृष्टि संरचना की कथा सुनाई। महाराज छैल बिहारी ने भगवान शुकदेव का प्राकट्य व राजा परिक्षित को मुक्ति हितार्थ शुकदेव द्वारा भागवत सुनाने के प्रसंग की व्याख्या की।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा श्रवण से आत्मा व शरीर के भेद का ज्ञान होता है। अनजाने हुए पाप कर्मों से किस प्रकार भागवत श्रवण आश्रय मात्र से ही मुक्ति मिलती है। महाराज ने कहा कि जीवन में अपने पथ से विमुख होकर जब कोई भी कार्य करता है,तो उसका पतन निश्चित ही होता है। जीवात्मा को सदैव अपने कर्तव्यों की पालना धर्म व कृत्व्यनिष्ठता पुर्वक करनी चाहिए। बालसंत ने कहा कि सदकर्म एवं कर्तव्य परायणता के अनमोल सिद्धांतों को सिखलाने वाला दिव्य शास्त्र, श्रीमद् भागवत है। कथा से पूर्व हरिकिशन नागल ने सपत्नीक पूजन कराया। कथा आयोजन को लेकर देवकिशन, ओम प्रकाश कुलरिया, समाजसेवी नवरत्न धामू,नितेश आसदेव,नंदनंदिनी पुरोहित, हैमंत देराश्री व नृपेन हर्ष आदि भागीदारी निभा रहे हैं।



