








मुकेश पूनिया/बीकानेर abhayindia.com त्यौहारी सीजन का फायदा उठाने के लिये बीकानेर के भू–माफियाओं ने सस्ते भूखण्डों का झांसा देकर करोड़ों रूपये की ठगी प्लान बनाया है। प्लान के तहत अवैध कॉलोनियों के भूखण्डों की बिक्री पर विशेष छूट, आकर्षक गिफ्ट और आसान किश्तों का प्रलोभन देने की रूपरेखा बनाई गई है। खबर यह भी है कि इस प्लान में भू–माफियाओं के साथ कई सरकारी कारिंदे भी अपनी अहम भागीदारी निभाएंगे।
जानकारी में रहे कि बीकानेर शहर के आसपास ऐसी करीब 200 कॉलोनियां है, जिन्हें शासन–प्रशासन ने अवैध घोषित कर रखा है। इनमें से बीकाजी फैक्ट्री पीछे बसी कई कॉलोनियां तो ऐसी भी जिनके कॉलोनाईजरों एक–एक भूखण्ड की रजिस्ट्रियां दो–दो जनों के नाम करवा रखी है। इसके अलावा भी इन कॉलोनियों के भूखण्डों की फर्जी रजिस्ट्रियों को लेकर शिकायत मिल रही है। कानूनी जानकारों को साफ तौर पर कहना है कि इन कॉलोनियों में भूखण्डों की खरीद–फरोख्त पूरी तरह गैर कानूनी है, लेकिन फिर भी शहर के भू–माफियां लोगों को सस्ते और किश्तों के झांसे में फंसाकर लोगो को ऐसे भूखण्ड बेच रहे है।
जानकारों को कहना है कि अवैध बसी कॉलोनियों में भूखण्डों की वैधानिक रूप से कोई मान्यता नहीं है, ना ही शासन–प्रशासन की ओर से इन अवैध कॉलोनियों में किसी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जा सकती है। जानकारी में रहे कि बीकानेर में भू–माफिया श्रैणी के कॉलोनाईजर पिछले लंबे अर्से से बीकानेर में सस्ते और आसान किश्तों के सांझे में लेकर लोगों को सैकड़ों की तादाद में भूखण्ड बेच चुके है। हालांकि बड़ी रकम निवेश करने के लिये लोगों ने इन कॉलोनियों में भूखण्ड खरीद तो लिये, लेकिन अब उनकी बेचवानी नहीं होने से उन्हे नुकसान उठाना पड़ रहा है।
भू–माफियाओं ने शहर के नजदीक खेतों और ग्रीन बेल्ट की जमीन पर अवैध कॉलोनिया बसा दी। इसे लेकर पर्यावरण प्रेमियों द्वारा लगातार शिकायतें किये जाने के बावजूद प्रशासन के जिम्मेदार अफसर भू–माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही के बजाय अपनी जेबें भरने में जुटे रहे। इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायतें पहुंची थी कि बीकानेर शहर के आस पास मास्टर प्लान के विपरीत राजस्व ग्रामों की कृषि भूमि पर बिना भू–रूपान्तरण एवं ले–आउट मानचित्र अनुमोदित कराए कृषि भूखंडों का बेचान किया जा रहा है।
इनमें करणी औद्योगिक क्षेत्र के बीकाजी फैक्टरी के आसपास बिना अनुमोदित कॉलोनियां काटकर भूखंड बेचे जा रहे हैं। इसके अलावा गेमनापीर रोड पर करमीसर, शरह नथानिया, चावड़ा बस्ती, रायसर, उदरामसर रोही, नाल बड़ी व छोटी और कानासर तक हजारों बीघा भूमि पर सैकड़ों अवैध कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। इतना ही नहीं मास्टर प्लान में शामिल 34 राजस्व ग्रामों में अवैध कॉलोनियां बसाने का सिलसिला निरंतर जारी है।
प्रशासन के पास मौजूद है पूरी हिटलिस्ट
शहर के आसपास बसाई गई तमाम अवैध कॉलोनियों की हिटलिस्ट जिला प्रशासन के पास मौजूद है। कानूनी लिहाज से अवैध रूप से बसाई गई इन कॉलोनियों के भूखण्डो की रजिस्ट्रियां नहीं होनी चाहिए, लेकिन बीकानेर के कॉलोनाईजर धड़ल्ले से भूखण्डों की रजिस्ट्रियां करवा रहे है। इसके अलावा कई कॉलोनियां में बनाये गये मकानों में बिजली कनेक्शन भी दिये जा रहे है। इन कॉलोनियों की तादाद दो–चार नहीं, बल्कि दो सौ से अधिक है। कुछ कॉलोनियों में तो हालात ऐसे है कि स्टाम्प पेपर पर एक ही भूखण्ड पांच–सात जनों को बेच दिया गया है।
जानकारी में रहे कि शहर के मास्टर प्लान 2023 के नगरीय क्षेत्र के तहत 34 राजस्व ग्रामों की भूमि कृषि भूमि में शामिल है। इनमें कॉलोनियां काटने से पहले कृषि भूमि का भू–रूपांतरण और ले–आउट मानचित्र का अनुमोदन नगर विकास न्यास में कराना जरुरी था, परन्तु ऐसा नहीं किया गया। भू–माफियाओं ने बड़े–बड़े सपने दिखाकर लोगों को भूखण्ड बेच दिए है अथवा बेच रहे है। यही नहीं पैसा मिलते ही वह रफूचक्कर होकर नई जगह ठिकाना बन लेते है। कुछ कॉलोनियों के मुख्य द्वार पर तो यूआईटी प्रपॉज लिख यूआईटी अप्रूव्ड का दिखावा तक किया जा रहा है।
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