








बीकानेर Abhayindia.com कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को संक्रमण की चपेट में ले सकती है, बच्चों को इससे बचाने के लिए आयुर्वेद में भी उपचार है।
इसको लेकर आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रीति गुप्ता ने ‘अभय इंडिया’ से खास बातचीत की। इस दौैरान उन्होंने बताया कि बड़ों के लिए तो आयुर्वेदिक काढ़ा उपयुक्त औषधि है, लेकिन छोटे बच्चों को काढ़ा पिलाना संभव नहीं है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि तीसरी लहर की संभावना अभी व्यक्त की जा रही है, और बताया जा रहा है कि यह लहर इस बार छोटे बच्चों को प्रभावित कर सकती है।
ऐसे में जरूरी है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जाए। इसके लिए सबसे अहम है स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार, यह 16 संस्कारों में से एक है। यह दवा पुष्य नक्षत्र के दिन ही दी जाती है। इसमें शुद्ध स्वर्ण भस्म, गाय घी, मधु व कुछ उत्तम कोटि की जड़ी-बुटियां है, इसको मिलाकर दवा बनाई जाती है। यह 6 माह से लेकर 16 साल तक बच्चों को दिया जा सकता है। स्वर्ण बिंदु प्राशन औषधि बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार हो सकती है। यह एक माह में एक बार दी जा सकती है।
हजारों साल पुराना है…
डॉ. प्रीति गुप्ता के अनुसार यह हजारों साल पुरानी औषधि है। उस जमाने में केवल राजशाही परिवारों के बच्चों को ही यह दवा दी जाती है।
कोविड काल में यह महत्वपूर्ण है। इसके कई तरह के फायदे है, बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है, अस्थमा और त्वचा रोग में भी फायदेमंद है। स्वर्णबिन्दु याददाश्त भी बढ़ाता है।
By- Ramesh Bissa





