










बीकानेर abhayindia.com उपभोक्ता से एक लाख की रिश्वत लेते एसीबी की गिरफ्त में आया बिजली कर्मचारी ठेकदार फर्म का बताया जा रहा है।
बीकेईसीएल ने इसका दावा किया है, कंपनी के सीओओ शांतनूं भट्टाचार्य ने अनुसार जो कर्मचारी जिस उपभोक्ता से रिश्वत लेते हुए पकडा गया, उस मामले में तो रिव्यू कमेटी में पहले ही समझौता हो चुका है। यही नहीं उपभोक्ता नियमानुसार रिव्यू कमेटी में अपील करने से पहले नियमानुसार 25 प्रतिशत राशि जमा भी करा करा चुका है।
भट्टाचार्य ने बताया कि एक बार विजिलेंस रिव्यू समिति में कोई मामला तय हो जाता है तो उसे बदलने का अधिकार किसी को नहीं है विद्युत अधिनियम के नियमानुसार बिजली चोरी के मामले में वीसीआर भरने के बाद उपभोक्ता ने इस मामले में रिव्यू कमेटी में अपील की।
समिति ने सुनवाई के बाद जुर्माना करीब 13 लाख रुपए की राशि तय कर दी, इससे उपभोक्ता सहमत हो गया। जोधपुर डिस्कॉम के विद्युत आपूर्ति नियमों के तहत उपभोक्ता ने 25 प्रतिशत यानि 6.68 लाख रुपए जमा कराने के बाद रिव्यू कमेटी में अपील की थी। समिति ने उपभोक्ता को जुर्माना राशि जमा कराने के लिए नियमानुसार एक माह का समय दिया है। यह अवधि अभी खत्म नहीं हुई है।
नवम्बर में नियमित चैकिंग के दौरान एक कोल्ड स्टोरेज में बिजली चोरी पकडी गई। विजिलेंस टीम ने कोल्ड स्टोरेज के कनेक्टेड लोड 37 किलोवाट व काम में लिए जा रहे उपकरणों के आधार करीब 28 लाख रुपए की वीसीआर भरी। बाद में उपभोक्ता की अपील पर विद्युत अधिनियम 2003 के तहत यह मामला विजिलेंस रिव्यू कमेटी को भेज दिया गया समिति ने उपभोक्ता को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया। जहां उपभोक्ता ने स्वीकार किया कि उसके कोल्ड स्टोरेज पर बिजली चोरी हो रही थी।
बीकेसीएल के सीओओ ने बताया कि आज उन्हें जानकारी मिली कि ठेकेदार का कर्मचारी किसी उपभोक्ता से रिश्वत लेते पकडा गया है। लेकिन वह बीकेईएसएल का कर्मचारी नहीं है बल्कि एक ठेकेदार फर्म का कर्मचारी है।
आंतरिक जांच कमेटी गठित…
बीकेईएसएल ने इस मामले में आन्तरिक जांच समिति गठित कर दी है जो पूरे मामले की गहनता से जांच करेगी। अभी बीकेईएसएल को एसीबी से इस प्रकरण की अधिकृत जानकारी नहीं मिली है।





