Friday, May 3, 2024
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बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में महिला उद्यमिता विकास कार्यशाला का आयोजन

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बीकानेर Abhayindia.com किसी भी देश के मानव संसाधन के विकास के लिए महिलाओं व पुरूषों की समान भागीदारी आवश्यक है। महिलाओं का जीवन सुरक्षित और भविष्य उज्जवल हो, उन्हें बराबरी का दर्जा और सम्मान मिले समाज और परिवार उनका आदर करें। इन्हीं बिन्दुओं के साथ महिला उद्यमिता को बढ़ावा देनेे के उद्देश्य से भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा महिला उद्यमिता कार्यक्रम का आयोजन बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में रखा गया। इस आयोजन के दौरान आयोजकों की ओर से महाविद्यालय की छात्राओं के लिए ‘‘हर एण्ड नाऊ’’ शीर्षक की एक शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र में तीव्रगति से परिवर्तन होने लगा है जिसके कारण देश में महिला उद्यमिता का भी महत्व बढ़ता जा रहा है और सरकार महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे अच्छी आर्थिक स्थिति प्राप्त करने के लिए रोजगार उपलब्ध कराकर गरीबी उन्मूलन किया जा सके। सरकार, बैंक स्टार्टअप इंडिया, महिलाओं के लिए मुद्रा योजना, अन्नपूर्णा योजना, महिला उद्यमियों के लिए स्त्री शक्ति पैकेज, भारतीय महिला बैंक, व्यवसाय ऋण, महिला उद्यमी निधि योजना आदि जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं, महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे है।

कार्यक्रम में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि उद्यमिता, जो व्यवसाय व्यवस्था की छत्रछाया में आती है, जो संगठनों की स्थापना करके देश और उसकी अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, वर्तमान समय में भारत में आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों से आर्थिक विकास का क्षेत्र बढ़ता जा रहा है। तकनीकी रूप से महिला उद्यमिता ऐसी महिलाएं हैं जो भविष्य में होने वाले अनिश्चित जोखिमों से निपटने के लिए समृद्ध निर्णयों के साथ संगठन को व्यवस्थित और प्रबंधित करती हैं। डॉ. पुरोहित ने अपने उदाहरणों से बताते हुए कहा कि भारत में कई महिला उद्यमी हैं जो सफल तरीके से अपने अपने संगठन चला रही हैं।

कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, वासुदेव पंवार, शिवशंकर उपाध्याय, प्रभा बिस्सा, सौरभ महात्मा, संध्या व्यास, श्वेता पुरोहित, जयश्री, गणेश दास व्यास, लोकेश पुरोहित, ज्योत्सना पुरोहित, हितेश पुरोहित का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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