अभय इंडिया डेस्क. जम्मू-कश्मीर में रविवार को सुरक्षाबलों ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 13 आतंकियों को मार गिराया है। इस दौरान तीन सैन्यकर्मी शहीद और छह अन्य सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए। शहीद हुए सुरक्षाकर्मी में एक बीकानेर का लाल हेतराम गोदारा है। गोदारा बीकानेर की श्रीडूंगरगढ़ तहसील के गांव सोनियासर के रहने वाले थे। उनके शहीद की खबर से समूचा जिला शोक में हैं। उधर, कश्मीर के किसी भीतरी इलाके में एक साथ तीन मुठभेड़ों में इतने आतंकियों के मारे जाने का यह संभवत: पहला मामला है। दक्षिण कश्मीर के शोपियां और अनंतनाग में हुई तीन मुठभेड़ों में मारे गए आतंकियों में शहीद लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के दो कातिल रईस व इशफाक भी शामिल हैं। मुठभेड़ के दौरान हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी। हिंसक झड़पों में लगभग 50 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं। एक अन्य आतंकी ने सरेंडर कर दिया। हालात तनावपूर्ण होते देख प्रशासन ने शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग व कुलगाम के विभिन्न हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ दक्षिण कश्मीर में इंटरनेट सेवा ठप कर दी है।
सात आतंकी द्रगड़ में और पांच कचडूरा में मारे गए हैं। कचडूरा में सिपाही हैतराम गोदारा, लांसनायक निलेश सिंह और अरविंदर समेत तीन सैन्यकर्मी शहीद और द्रगड़ में नायक श्रीकांत और सिपाही हरिओम गोली लगने से जख्मी हुए। द्रगड़ में मुश्ताक अहमद ठोकर, कचडूरा में जुबैर, मेहराजूदीन और इकबाल नामक स्थानीय शहरी क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर मारे गए। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि शोपियां के द्रगड़ व कचडूरा में आतंकियों के दो अलग-अलग गुटों के छिपे होने की सूचना पर बीती रात सेना, पुलिस और सीआरपीएफ जवानों ने मिलकर दो अभियान शुरू किए। द्रगड़ में मुठभेड़ सुबह पांच बजे शुरू हुई जो सवा नौ बजे तक जारी रही। इसमें मारे गए सभी सात आतंकी स्थानीय हैं। ये वहां कथित तौर पर आइपीएस अधिकारी के निर्माणाधीन मकान में छिपे थे। इसका नाम इनाम उल मेंगनू बताया जाता है। चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके बट ने कहा कि द्रगड़ में मारे गए सात में से तीन आतंकी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या में शामिल थे। यह हर बार बच जाते थे। अब जाकर हमने शहीद फैयाज का बदला ले लिया। फैयाज की आतंकियों ने पिछले साल मई में हत्या कर दी थी। द्रगड़ मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के नाम इस प्रकार है- जुबैर अहमद तुर्रे, इश्फाक मलिक, रईस ठोक, एयावर इत्तु, नाजिम नजीर डार, आदिल ठोकर और उबैद शफी मल्ला। यह सभी जिला शोपियां के ही रहने वाले थे।