









बीकानेर abhayindia.com आत्मा अजर-अमर, अविनाशी है और शरीर क्षणभंगुर विनाशी है। ऐसे में जिसका जन्म होता है, उसकी मृत्यु निश्चित है। शरीर परिवर्तनशील है, लेकिन आत्मा अपरिवर्तनशील है। हमें शरीर का मोह छोड़कर अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए।

स्वामी क्षमारामजी महाराज ने उदगार गुरुवार को यहां आचार्यों की घाटी स्थित रमेश कालू अग्रवाल के निवास पर सत्संग के दौरान व्यक्त किए। इस दौरान क्षमाराम जी महाराज का बडी संख्या में श्रदधालुओं ने स्वागत-सत्कार कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में उन्होंने श्रदधालुओं की जिज्ञासाओं के प्रत्युत्तर में कहा कि व्यक्ति को अपने सदकर्मों के प्रति हमेशा सचेत रहना चाहिए। कर्मों के अनुसार ही स्वर्ग-नरक तय होते हैं। सांसारिक जीवन में भी कर्म ही व्यक्ति को इनकी अनुभूति कराते रहते हैं। ऐसे में सबके कल्याण की सोच रखनी चाहिए। इसी में समस्त मानव जीवन का कल्याण निहित है।
इस अवसर केदारनाथ अग्रवाल, पुखराज अग्रवाल, राजेन्द्र अग्रवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, शिवरतन अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल सहित बडी संख्या में श्रदधालुओं ने क्षमारामजी महाराज का स्वागत-सत्कार करते हुए उनसे आशीर्वाद लिया।





