Thursday, May 9, 2024
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अन्याय का विरोध करो, सहन नहीं : क्षमारामजी महाराज

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बीकानेर abhayindia.com अन्याय को देखकर चुप रहने वाला भी उस पाप का उतना ही भागी है जितना अन्याय करने वाला होता है। इसलिए अन्याय को सहन नहीं करना चाहिए, उसका विरोध करना चाहिए और अगर विरोध ना कर सको तो अन्याय होते हुए भी नहीं देखना चाहिए।

Chamaramji Maharaj In Gopeshver Mahadev Mandir
Chamaramji Maharaj In Gopeshver Mahadev Mandir

यह उदगार क्षमारामजी महाराज ने गुरुवार को श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञानयज्ञ का वाचन करते हुए व्‍यक्‍त किए। क्षमारामजी महाराज श्रीगोपेश्वर महादेव मंदिर मैदान में पितृपक्ष अवसर पर चल रही पन्द्रह दिवसीय कथा में कथावाचन कर रहे हैं। कथा का आज 13 वां दिन रहा। आज की कथा में क्षमाराम जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण, बलरामजी का ब्रजवासियों के मथुरा जाना और वहां पर कंश द्वारा आयोजित की गई रंगशाला में भाग लेना तथा कंश के वध करने का प्रसंग विस्तार पूर्वक बताया। कथा में श्रीकृष्ण और बलराम जी का मथुरा में भ्रमण करना, धोबी को मुक्ति देना, कुरुपा को सौन्दर्य प्रदान करना एवं धनुष को तोडऩे सहित पुबलया हाथी को मार गिराने सहित अन्य प्रसंगो की विवेचना की।

Shri Madbhagwat katha in gopeshaver temple
Shri Madbhagwat katha in gopeshaver temple

क्षमारामजी महाराज ने कहा कि ‘जिसकी रही भावना जैसी, प्रभू मूरत तिन देखी वैसी, जो जैसी भावना रखता है उसे फिर वैसा ही दिखाई देता है। जब श्रीकृष्ण का मथुरा आगमन होता है और फिर उनके द्वारा लीलाऐं की जाती है तब यह समाचार कंश के पास पहुंचते हैं। फिर वह रात भर चैन से सो नहीं पाता है। उसे अपनी मृत्यु का भय सताने लगता है। सुबह जल्दी ही वह उदास मन से रंगशाला में जाकर बैठ जाता है। जब श्रीकृष्ण और बलराम रंगशाला में आते हैं तो उन्हें दूर से ही आता देख कंश को ऐसा आभास होता है जैसे मृत्यु उसके नजदीक आती जा रही है। वह भय से व्याकुल हो जाता है और अन्दर ही अन्दर क्रोधाग्नि से जलने लग जाता है। महाराज ने कहा कि भय उसी को लगता है जिसके अन्दर कमजोरी होती है।

Shrimad Bhagwat katha in gopeshver mandir
Shrimad Bhagwat katha in gopeshver mandir

खोती जा रही है सभ्यता

क्षमारामजी महाराज ने वर्तमान समय में वेशभूषा के इस्तेमाल में आए बदलाव पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आजकल की बच्चियां तंग कपड़े पहनती है। ऐसे कपड़े कि अगर कोई वस्तु गिर जाए और उसे उठाना पड़ जाए तो वह उठा ना सके। महिलाओं ने भी वस्त्र ऐसे पहनने शुरु कर दिए हैं जिन्हें देखकर लज्जा आने लगती है। उन्होंने माताओं, बहनों व बेटियों के संबोधन से कहा कि वेशभुषा हमारी खास धरोहर थी, वह हमने खो दी है। आज और धर्म के लोगों ने अपनी पहचान बना रखी है। महाराज ने कहा कि हमारे आदर्श और शिक्षा में कहीं पर भी कमी नहीं है, कमी है तो अपने में है जिसे दूर करने की आवश्यकता है। महाराजजी ने महिलाओं को श्रृंगार कर घर से बाहर निकलने को भी शास्त्र विरुद्ध बताते हुए ऐसा ना करने की सलाह दी।

चैन तोड़ गिरोह हुआ सक्रिय

श्रीमद् भागवत कथा समिति के गोपाल अग्रवाल ने बताया कि बुधवार की कथा में पांच महिलाओं के गले से चैन स्नैचर चैन तोड़ ले गए। उक्त महिलाऐं अपनी व्यथा लेकर आयोजनकर्ताओं के पास पहुंची और आपबीती बताई। इस पर गुरुवार को कथा विश्राम के दौरान संत रामपालजी महाराज ने सभी महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने कीमती सामान का ध्यान रखें। कुछ लोग आप को भक्ति भाव में डूबे देख आपके आभूषणों पर हाथ साफ कर रहे हैं। इसलिए सावधानी पूर्वक रहें।

बस का पहिया खड्डे में, हादसा टला

गोपाल अग्रवाल ने बताया कि सुबह कथा के लिए आने वाली बसों का निर्धारित स्थान गोपेश्वर मंदिर के दूसरे दरवाजे को रखा गया है। इन दिनों वहां सीवर लाइन डाले जाने का कार्य किया जा रहा है। हाल ही में वहां सीवर लाइन डाली गई थी। गुरुवार सुबह महिलाओं व पुरुषों को लेकर आई बस का पहिया खोदे गए खड्डे में धंस गया। बस पलटते-पलटते बची लेकिन भगवत कृपा से कोई जनहानि नहीं हुई इससे बस में बैठे लोग एकबारगी जरूर घबरा गए।

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