Saturday, April 19, 2025
Hometrendingऑर्डर-ऑर्डर : प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति के आदेश, भू-जल विभाग...

ऑर्डर-ऑर्डर : प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति के आदेश, भू-जल विभाग का मामला

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जोधपुर Abhayindia.com राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण जयपुर बैंच जोधपुर ने भूजल विभाग जोधपुर में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्‍त कैलाश बिहारी भट्ट को वर्ष 2018-2019 की रिक्तियों के विरूद्ध प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान करने का आदेश पारित किया।

प्रार्थी कैलाश बिहारी भट्ट जो सेवानिवृति से पूर्व जब सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर वर्ष 2017 में कार्यरत थे तब उनको विभाग द्वारा 31.03.2017 के आदेश से एक परिनिन्दा के दण्ड से दण्डित किया गया था। परिनिन्दा के दण्ड के कारण, विभाग द्वारा वर्ष 2016-2017 की रिक्तियों के विरूद्ध सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद से अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद पर जो अन्य कार्मिकों को पदोन्नति प्रदान की गई उसमें उसे इसी दण्ड के कारण से सम्मिलित नहीं किया गया। एक वर्ष बाद यानि वर्ष 2017-2018 में विभाग द्वारा उसे अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी गई। अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद पर उसे 2 जुलाई 2018 को भट्ट ने कार्यग्रहण कर लिया। सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यग्रहण के बाद उसके विरूद्ध कोई विभागीय कार्यवाही या दण्ड प्रदान नहीं करने के उपरांत भी प्रार्थी से कनिष्‍ठ व्यक्तियों को प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी गई मगर प्रार्थी को प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान नहीं की गई। पदोन्नति प्रदान नहीं करने पर प्रार्थी ने विभाग के समक्ष कई अभ्यावेदन प्रस्तुत किये लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। 31.03.2020 को अधिवार्षिकी की आयु पूर्ण करने पर, उसे अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद से ही सेवानिवृत कर दिया गया। सेवानिवृति बाद उसने विभाग को पुनः अभ्यावदेन प्रस्तुत कर निवेदन किया उसे अपने से कनिष्‍ठ कर्मचारी को जब से प्रशासनिक अधिकारी बनाया है तभी से मुझे भी प्रशासनिक अधिकारी बनाया जाये।

विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने पर भट्ट ने अधिकरण के समक्ष अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से एक अपील प्रस्तुत की। उसके अधिवक्ता का अधिकरण के समक्ष यह तर्क था कि प्रथमतयाः प्रार्थी का जो 31/03/2017 को परिनिन्दा के दण्ड से दण्डित किया गया। उसके कारण एक बार पदोन्नति से बाहर किया जा चुका है व अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी बनने के बाद उसे किसी प्रकार के दण्ड से दण्डित नहीं किया गया व ना ही कोई आरोप पत्र (चार्जशीट) दिया गया इसके बावजूद भी उसे प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति नहीं देना विधि विरूद्ध है क्योंकि उससे कनिष्‍ठ कार्मिकों को वर्ष 2018-19 की रिक्तियों के विरूद्ध पदोन्नति दी जा चुकी है।

प्रार्थी के अधिवक्ता का दूसरा तर्क यह था कि एक बार के दण्ड से एक बार ही पदोन्नति से बाहर रखा जा सकता है ना कि प्रत्येक बार क्योंकि उसे लघु प्रकृति का ही दण्ड दिया गया था। भूजल विभाग की ओर से जवाब प्रस्तुत करते हुए यह तर्क दिया गया कि प्रार्थी को 2017 परिनिन्दा के दण्ड के कारण ही प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान नहीं की गई। प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए अधिकरण ने प्रार्थी को उससे कनिष्‍ठ अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी को जिस दिन प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई उसी दिन से प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति देने का आदेश पारित किया गया व यह भी व्यवस्था दी की एक बार लघु प्रकृति का दण्ड देने पर एक बार ही पदोन्नति से बाहर किया जा सकता है ना कि बारबार।

Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular