Sunday, November 10, 2024
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वैद्य शर्मा ने राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र को देशभर में दिलाई पहचान

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बीकानेर Abhayindia.com ’’नर सेवा नारायण सेवा’’ कर सहस्त्र रूग्ण मानवों की पीड़ा मुक्त करने में संकल्प के साथ अपना जीवन समर्पित करने वाले ’स्व. वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा’ हमारे प्रेरणा पुंज रहे है। जिन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से विभिन्न रोगों का सफल इलाज कर राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र को प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे भारत वर्ष में पहचान दिलाने का कार्य किया है। ऐसे महापुरूष की चतुर्थ पुण्यतिथि पर श्रृद्धा सुमन अर्पित करते हुए संस्था के अध्यक्ष वेद प्रकाश चतुर्वेदी ने ये बात कही। पुण्यतिथि के उपलक्ष पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय आचार्य ने कहा कि– ’’चैरर्य तिचैरर्यति ये ही तो मंत्र है अपना, नही रूकना नही थकना सतत् चलना सतत् चलना…’’ की गीत की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र को वैद्य जी के मूल्यों और आदर्शों की पालना करते हुए निरंतर नई दिशा और नए आयामों की ओर अग्रसर होना है का शुभ संदेश देते हुए सभी आगन्तुकों को अपने जोशीले अंदाज से केन्द्र को सहयोग करना ही सच्ची श्रृदांजलि होगी।

केन्द्र की चिकित्सा अधिकारी डॉ. वत्सला गुप्ता ने कहा किवैद्य जी द्वारा वटवृक्ष के रूप में स्थापित किया हुआ प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रमानव सेवा के माध्यम से नई ऊँचाइयों पर ले जाने को नए आयामों के साथ उनके स्वपनों को साकार करने में अपना सहयोग देना ही सच्ची श्रृदांजलि का पर्याय बताया।

श्रृद्धा सुमन अर्पित करते हुए बीकानेर के वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रबुद्ध समाजसेवी लूणकरन छाजेड़ ने वैद्यजी के संस्मरणों का उल्लेख करते हुए कहा किवैद्यजी इस युग के ऐसे महान पुरूष थे जिनके हाथों में स्नेह और श्रैय का भाव रहता था। जिन्होंने महान संत आचार्यश्री तुलसी का अपने हाथों से इसी केन्द्र में प्राकृतिक इलाज देकर उन्हें स्वस्थता प्रदान की। छाजेड़ ने यह भी बताया कि आज भी ये प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र उन्हीं के आदर्शों की पालना करते हुए निरंतर अग्रसर है जिसके लिए केन्द्र बधाई का पात्र है।

संस्था के उपाध्यक्ष श्रीभगवान अग्रवाल ने वैद्यजी के अनेक प्रसंगों से सभी को अवगत कराते हुए कहा कि चिकित्सा केन्द्र वैद्यजी की विरासत है जिसे हम सबको अपने प्रयासों से आगे बढ़ाना है।

संस्था मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने श्रृद्धा पुष्प अर्पित करते हुए बताया कि पुण्यतिथि के अवसर पर दो दिवसीय निःशुल्क शिरोधारा एवं वाष्प स्नान प्रारंभ किया। शिविर के प्रथम दिन 42 शिविरार्थियों ने तथा द्वितीय दिन 48 शिविरार्थियों ने भाग लिया। शिविर के पश्चात् केन्द्र के वन औषधि उद्यान में अर्जुन छाल एवं केले का वृक्ष लगाकर वैद्यजी को श्रृद्धांजलि प्रस्तुत की।

कार्यक्रम में उपस्थित हनुमान सिंह चावड़ा, भंवरलाल गहलोत, संतोष व्यास, योग गुरू रतन ताम्बोली, एवं हितेन्द्र मारू, सेवा निवृत अधिशाषी अभियंता लीलाधर खत्री, बद्री राजपुरोहित, एडवोकेट श्याम सुन्दर चौधरी, अग्रवाल समाज चेतना समिति के मंत्री मनीष चौधरी, अरूणोदय विद्यालय के संस्थापक रामचन्द्र आचार्य, धीरज पंचारिया, फिल्म डायरेक्टर प्रदीप मारू तथा कोमल पुगलिया शामिल रहे तथा श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में कोमल पुगलिया (स्वर कोकिला) ने वैद्यजी द्वारा रचित योग गीत का प्रस्तुतीकरण दिया तथा समस्त कर्मचारी वर्ग को उद्बोधित करते हुए राजेन्द्र सुथार ने अपनी भावपूर्ण श्रृद्धांजलि दी। कर्मचारीगणों मेंकविता सुथार, सुनिता प्रजापत, कृष्णा कच्छावा, महावीर उपाध्याय, मयंक बोथरा, अशोक कुमार टॉक व कुनाल तंवर आदि उपस्थित रहे।

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