जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के एक लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश की सरकार का चार साल से भी ज्यादा का समय बीत गया लेकिन संविदा कर्मचारियों को अभी तक परमानेंट नहीं किया है। उनका आरोप है कि 2018 में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में संविदाकर्मियों को परमानेंट करने का वादा किया था। वहीं, कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 लागू कर संविदा कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
संयुक्त संविदा मोर्चा के रामस्वरूप टाक ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर पा रही है। इससे प्रदेश के संविदाकर्मी और उनके परिवार में भारी आक्रोश है। अगर इस बजट में सरकार ने संविदा कर्मियों को राहत देते हुए कांट्रेक्चुअल हायरिंग रूल में संशोधन नहीं किया। तो प्रदेशभर के कर्मचारी सरकार के खिलाफ आर–पार की लड़ाई लड़ेंगे। इसके साथ ही 2023 के विधानसभा चुनाव में सरकार को वोट की चोट से करारा जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा ने हमने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को भी अपनी समस्या बता चुके हैं। जिन्होंने गोविंद सिंह डोटासरा को हमारी समस्या के समाधान की बात कही थी। लेकिन राहुल गांधी के आदेश का भी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं पर कोई असर नहीं हो रहा है। जिससे हजारों कर्मचारियों का भविष्य खतरे में आ गया है।