बीकानेर Abhayindia.com “छोटी काशी” की पहचान बनाने वाला बीकानेर दूसरे राज्यों से आने वाले कैंसर रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। एम. एन. हॉस्पिटल में थायराइड की हुई एक दुर्लभ सर्जरी इसका प्रमाण है। 3 बच्चों के मां छाया देवी की उम्र 28 साल है। इनके पति यूपी के बिजनौर जिले में चिनाई का काम करते हैं। 6 महीने पहले इनको अचानक से गले में थायराइड की गांठ हुई, जो काफी कम समय में बड़ी हो गई। गांठ के बढ़ने से छाया को सांस की तकलीफ होने लगी। जब मुरादाबाद, यूपी में जांच करवाए तो पता चला कि गांठ थायराइड के कैंसर की है जो छाती के अंदर दिल तक जा रही हैं। इसके अलावा गांठ ब्रेन को सप्लाई करने वाली कैरोटिड आर्टरी को भी घेरे हुए हैं। डॉक्टर्स ने उन्हें दिल्ली या चंडीगढ़ जाने के लिए कहा। पीजीआई, चंडीगढ़ में जाने पर वहां के डॉक्टर्स ने टर्मिनल बीमारी होने के कारण मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया। एम्स नई दिल्ली के डॉक्टरों ने भी ऑपरेशन को असंभव बताया। हौसला न खोकर छाया और उसके परिवार वाले उम्मीद से बीकानेर में डॉ. तुषार जैन के पास एमएन हॉस्पिटल में आए। केस को अच्छी तरह से स्टडी करके डॉ. तुषार ने अपने ऑन्कोलॉजी टीम के साथ मिलकर गले और चेस्ट को खोलकर न केवल गांठ को निकाला बल्कि, इस जटिल ऑपरेशन में किसी तरह की जटिलता भी नहीं हुई। 10 दिन के बाद रोगी स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गया। ओंकोसर्जरी की टीम को डॉ. तुषार जैन ने लीड किया। एनेस्थीसिया की टीम में डॉक्टर मनीराम व नर्सिंग स्टाफ प्रवीण बाना, अजहर, नदीम, अयूब, चरणदास, आर्यन, सिमरन, पूजा थे। एमएन हॉस्पिटल के डायरेक्टर राजा बाबू और सीईओ मोहम्मद अली ने पूरी ऑन्कोलॉजी टीम को बधाई दी है।
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