








अप्रैल माह में सूर्य, मंगल, गुरु, शनि और राहु का एक साथ राशि परिवर्तन कुछ बड़े बदलाव का सूचक है। पूरे विश्व मे अवसाद ओर अविस्मरणीय घटनाएं घटेगी। राजनीति के क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल रहने की संभावना है। कुछ देशों में सत्ता परिवर्तन के भी आसार। भारत सहित तीन राष्ट्राध्यक्षों की क्षति का योग। विश्व की महाशक्तियों में टकराव की स्थिति और छोटे देशों के लिए अपने अस्तित्व को बचाना प्राथमिकता हो जाएगी हो सकता है। कुछ देश अपने अस्तित्व को खो देंगे। विश्व में आर्थिक संतुलन बनाने के सभी प्रयास असफल रहेंगे। महंगाई अपने चरम पर होगी। सभी देशों की करन्सी में गिरावट आएगी। विशेष रूप से रुपये का अवमूल्यन तेजी से होगा।
सामाजिक और धार्मिक उन्माद अपने चरम पर होगा। धर्म को लेकर आपसी वैमनस्य का वातावरण पैदा होगा। प्राकृतिक आपदाओं का योग बन रहा है। मौसम अपनी नई करवट लेगा। मई–जून में बर्फबारी का योग। मौसम के बदमिजाज के कारण आमजन ओर सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
गुरु, शनि और राहु हमारे जीवन मे लंबे समय तक अपना अच्छा या बुरा प्रभाव डालते है परंतु इस बार तीनों का एक साथ राशि परिवर्तन मिश्रित फलदायी रहेगा इसलिए सभी राशिवालों के लिए शुभ अशुभ दोनों फल जीवन मे घटित होंगे। व्यक्तिगत जातक की कुंडली मे राहू, गुरु, शनि की स्थिति के अनुसार ही सार्थक निर्णय लिया जा सकता हैं। –गिरवर प्रसाद बिस्सा
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