








जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मरीजों के साथ ओमिक्रॉन की दस्तक ने भी राज्य सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। इस बीच, अब सरकार ऐसे लोगों पर सख्ती बरतने वाली है जिन्होंने अभी तक कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 30 लाख लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है। ऐसे में वैक्सीनेशन अनिवार्य भी किया जा सकता है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना समीक्षा बैठक में साफ तौर पर कहा कि राजस्थान ने कोरोना के आंकड़ों को कभी छुपाया नही है। कोरोना से साढ़े आठ हजार लोगों की मौत हुई और 5 हजार महिलाएं विधवा हो गई। ऐसे में राजस्थान सरकार ने जरूरतमंदों के लिए कई तरह के पैकेज जारी किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देख चुका है कि कितनों ने अपनों को खोया और कितने बच्चों से सिर से माता–पिता का साया उठ गया। अब संसाधनों की कोई कमी नहीं है, हम हर तैयारी के साथ खड़े हैं। बूस्टर डोज को लेकर गहलोत ने कहा कि इस मामले में हमने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है। अब बूस्टर डोज को लेकर केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए हम फिर से पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र के चाहिए कि 60 वर्ष से अधिक उम्र, गंभीर बीमारी से ग्रस्त और फ्रंट लाइन वर्कर को बूस्टर डोज लगाएं।
गहलोत ने कहा कि देश में कोरोना के हालात को देखते हुए कोर्ट ने यूपी के चुनाव को पोस्टपोन करने की बात कही है। वैसे भी सभी पश्चिम बंगाल की स्थिति देख चुके हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान ब्लैक फंगस की स्थिति देख चुका है। हमारे यहां ब्लैक फंगस के साढ़े पांच सौ केस आए थे। अब ऐसी स्थिति नहीं बनने देंगे। कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं और हम देख रहे हैं कि टीवी और अखबार में फिर से कोरोना के ही समाचार पढ़ने और देखने को मिल रहे हैं।
25 लाख तक के आवासीय भूखण्ड और 50 लाख तक के फ्लैट के लिए ये शुल्क घटाया…
जयपुर। राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर पच्चीस लाख रुपये बाजार मूल्य तक के खाली आवासीय भूखण्डों से संबंधित हस्तान्तरण विलेख पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क घटाया जाकर चार प्रतिशत की दर से प्रभारित किये जाने के आदेश किये गए हैं। इसी प्रकार एक अन्य अधिसूचना द्वारा चार तलों से अधिक के बहुमंजिला भवन में पचास लाख रुपये बाजार मूल्य तक के फ्लैट से संबंधित हस्तान्तरण विलेख पर भी प्रभार्य शुल्क घटाया जाकर चार प्रतिशत की दर से प्रभारित किये जाने के आदेश किये गए हैं।
यह दोनों आदेश ऐसे हस्तान्तण विलेख पर लागू होंगे, जो 31 दिसम्बर 2021 तक निष्पादित और रजिस्ट्रीकरण के लिए प्रस्तुत कर दिया जाएंगे।





