








बीकानेर Abhayindia.com लेखिका रजनी छाबड़ा के कविता संग्रह ‘आस की कूंची से’ का लोकार्पण रविवार को जयनारायण व्यास कॉलोनी स्थित उनके निवास पर किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार देवकिशन राजपुरोहित ने ने कहा कि रजनी छाबड़ा की कविताओं में जीवन के अनुभवों को सुन्दर ढंग से शब्दों में कविता के रूप मे पिरोया गया है।
उन्होंने ने कहा कि पुस्तक को इंडिया नेटबुक ने बड़े सुंदर ढंग से साज-सज्जा के साथ प्रकाशित किया है। व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि स्त्री मन को खुलकर अभिव्यक्त करती रजनी छाबड़ा की कविताओं की भाषा सरल-सहज होने के साथ ही शिल्प उल्लेखनीय है। मुख्य अतिथि कवि-आलोचक डॉ. नीरज दइया ने कहा कि इस संग्रह की कविताएं कोरोना काल के प्रभाव को लिए रजनी छाबड़ा के पूर्ववर्ती काव्य संग्रहों से आगे की कविताएं हैं। कविता संग्रह पर अपनी बात कहते हुए कवि नवनीत पाण्डे ने कहा कि ‘आस की कूंची सेÓ की कविताओं में निराशा भरे माहौल के बीच आस और उम्मीद की मन:स्थितियों में स्त्री मन का संघर्ष उल्लेखनीय है। लोकार्पण कार्यक्रम में कवयित्री और अनुवादिका रजनी छाबड़ा ने कविता-संग्रह से चयनित कविताएं प्रस्तुत की। संचालन मोहनसिंह राजपुरोहित ने किया। आभार अमित राजपुरोहित ने व्यक्त किया।





