








बीकानेर Abhayindia.com संसोलाव आगोर एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के पीपल पार्क में चल रहे महोत्सव में सोमवार को ऊर्जा तथा जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ.बीडी कल्ला शामिल हुए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि पीपल का वृक्ष ऑक्सीजन मित्र होता है। यह ऐसा वृक्ष है जो हमेशा ऑक्सीजन देता है। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। समिति की ओर से एक श्रृंखला में पीपल के पौधे लगाकर इनकी नियमित देखभाल की जा रही है।
यह अनुकरणीय कार्य है। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय संतुलन में पौधों का प्रभावी योगदान है। इसके मद्देनजर प्रत्येक व्यक्ति अपने घरों में उपलब्ध स्थान के अनुरूप छोटे-बड़े पौधे जरूर लगाएं।
डॉ.कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा गोचरए ओरण और पायतान की जमीन के संरक्षण की पक्षधर रही है। संस्था की ओर से भी ऐतिहासिक संसोलाब तालाब की गोचर को संरक्षित करने का बीडा उठाया गया। वर्तमान में युवा भी इस कार्य के लिए आगे आए हैं। यह अच्छी पहल है।
वरिष्ठ साहित्यकार शिवराज छंगाणी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के दौर में अधिक से अधिक पौधे लगाना तथा इनकी नियमित देखभाल करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके लिए सतत प्रयास करने होंगे। पंडित जुगल किशोर ओझा (पुजारी बाबा) ने कहा कि पेड़-पौधों का संरक्षण हमारी सभ्यता से जुड़ा है। सनातन धर्म में यह मान्यता है कि वृ़क्षों में ईश्वर का निवास होता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए।
पार्षद विजय सिंह राजपूत ने बताया कि पीपल पार्क में 121 पीपल के वृक्षों का पूजन कार्यक्रम एक माह से चलाया जा रहा है। वहीं सियाणा भैरव पार्क में बिल्व पत्र के 80 पेड़ लगाए गए हैं। इस दौरान नंदलाल छंगाणी, मदनमोहन छंगाणी ने भी विचार व्यक्त किए।
इस दौरान डॉ. कल्ला ने संसोलाव आगोर एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के संस्थापक दाऊलाल ंछंगाणी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा गोचर संरक्षण एवं पौधारोपण अभियान में उनके योगदान का स्मरण किया। संचालन शिवशंकर छंगाणी ने किया।
डॉ.कल्ला ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पीपल का पूजन कर जल अर्पित किया। इस दौरान गोपीकिशन ओझा,सुभाष ओझा, हकमचंद ओझा आदि मौजूद रहे।





