








जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में कोरोना से उपजे हालात को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज शाम ओपन बैठक करते हुए अधिकारियों, राजनीतिक दलों, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खूब मंथन किया। हालांकि, इसके बाद सीएम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे। लॉकडाउन जारी रहेगा या नहीं? इस पर वे कुछ नहीं बोले। हां, सीएम ने इतना जरूर कहा कि पहले भी हमने सबकी सलाह से फैसले किए हैं। आगे भी कोई फैसला सबकी सलाह से होगा।
सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना की भयावह हालत है। सच्चाइ्र का सामना नहीं करेंगे, तो हालात काबू नहीं कर पाएंगे। पिछली बार की तरह ही जनता सहयोग करें। यदि बाहर निकलना पड़े, तो बिना मास्क न निकलें। बिना मास्क का जुर्माना बढ़ाना पड़ेगा।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाग गर्ग ने कहा था कि- 15 दिन तक कर्फ्यू को सख्ती से लागू करें। अन्यथा हम कुछ भी कर लें, संक्रमण की गति को नहीं रोक पाएंगे। मेडिकल एक्सपर्ट्स ने भी कुछ ऐसी ही राय रखी थी। इससे पहले , आरयूएचएस कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी सहित कई मेडिकल एक्सपर्ट ने 2-3 सप्ताह का लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- पिछली बार जब लॉकडाउन लगाया गया था, तब लोगों को बहुत तकलीफ हुई थी। मजदूरों का पलायन हुआ, लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हुई। इसलिए लॉकडाउन का फैसला बहुत सोच-समझकर करना होगा।
इससे पहले चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव सिद्धार्थ महाजन ने तमाम पहलुओं पर सीएम को जानकारी दी। इसके बाद गहलोत ने कहा कि पहले कहते थे कि कोरोना गांवों में नहीं फैलता, लेकिन अब 30 फीसदी कोरोना मरीज गांवों से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार पूरे साल जितना तनाव नहीं था, उतना एक माह में हो गया है। यूके ने चार माह लॉकडाउन लगाया, सिंगापुर ने भी बहुत कड़े कदम उठाए।
गहलोत ने कहा कि वैक्सीनेशन में भारत सरकार की नीति ठीक नहीं है। भारत सरकार ने पहले फ्रंट लाइन, फिर 60 साल, फिर 45 साल किया जो ठीक नहीं है। वैक्सीन को ओपन करना चाहिए था। विदेश से वैक्सीन मंगवाने की अनुमति देनी चाहिए थी।
प्रमुख सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कहा कि प्रदेश में अभी 67 हजार एक्टिव केस हैं। कोविड से मरने वालों में 30 फसदी ग्रामीण इलाकों के हैं। पहले यह मिथक था कि यह शहरी क्षेत्र की बीमारी है। अब ग्रामीण इलाकों में भी कोविड फैल रहा है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में 4 घंटे तक मंथन किया। मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से सख्ती करने को कहा, लेकिन लॉकडाउन टालने का सुझाव दिया है। मंत्रिपरिषद की बैठक में लॉकडाउन पर फैसला नहीं हुआ।
सीएम की प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित
सीएम की 7:30 बजे की प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित कर दी गई है। पहले मुख्यमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कोरोना से जुड़ी पाबंदियों पर जानकारी देने वाले थे।
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