







बीकानेर abhayindia.com ‘गगनकोटा सूं उतरी गवरजा बैरे हाथ कमल के रो फूल, कलकत्ते हालो गवरयों री मौजां बीकानेर में…गणगौर के पारम्परिक इस गीत के बोल बीकानेर में इन दिनों साकार हो रहे हैं।
शहर की गलियां गणगौर गीतों से गूंज रही है। मौका है गणगौर पूजन का। धुलंडी से शुरू हुआ बालि गणगौर का पूजन अब परवान पर है। सुबह-सुबह गणगौर पूजन के बाद शाम को गणगौर का बासा और पानी पिलाने की परम्परा का निर्वाह इन दिनों घर-घर में किया जा रहा है। बालि गणगौर पूजन की पूर्णाहुति के बाद धींगा गणगौर पूजन शुरू हो जाएगा। जिसमें विवाहित महिलाएं परिवार की खुशहाली, समृद्धि के लिए धींगा गवर का पूजन करेगी।
शहर में है पूजन की धूम…
भीतरी परकोटे सहित शहरभर में गणगौर पूजन की धूम मची है। गुरुवार को कई क्षेत्रों में बालिकाओं ने गणगौर का पूजन कर शाम को विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर गणगौर माता के भोग लगाया। पुष्करणा स्टेडियम के समीप छोटी बालिकाओं ने गणगौर का सामूहिक पूजन किया। इस दौरान कई गणगौर की प्रतिमाओं का नख से लेकर शिख तक विशेष शृंगार किया। गणगौर प्रतिमाओं को नए वस्त्र पहनाएं।
पूजन आरती के बाद अलग-अलग तरह के व्यजंनों का भोग लगाया। पारम्परिक गीतों की प्रस्तुति से गणगौर को रिझाया। पूजन-गायन में रीटा बोहरा, राधिका बिस्सा, खुशी, नंदनी, सोनू, दिपीका, पीकू, राधे सहित छोटी बालिकाओं ने भागीदारी निभाई।

भगवान शंकर की आकृति बनाई…
रघुनाथसर कुआं क्षेत्र में चल रहे बालि गणगौर पूजन में आज बालिकाओं ने सुबह के पूजन में भगवान शंकर की आकृति रंगों से उकेरी। इसमें रितू, शालू, राजश्री, शिवानी, प्रियांशी, विजय, तनिष्का, ऋषिका, मीनू, कोमल, सोनू किराड़ू आदि ने भागीदारी निभाई।



