








बीकानेरAbhayindia.com बारिश का मौसम आते ही शहर में जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती है। हर साल इस तरह के हालात रहते है, नाले-नालियां उफान मारने लगते हैं, दूषित पानी सूरसागर में जाता है, प्रशासनिक स्तर पर हर साल सूरसागर को दूषित पानी से बचाने, नाले-नालियों की सफाई करने की खानापूर्ति की जाती है।
इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी रहती है। इस समस्या से स्थायी निजात दिलाने की मांग को लेकर जागरुक नागरिकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने नगर निगम के अधीक्षण अभियंता ललित ओझा एवं अधिशासी अभियंता पवन बंंसल से मुलाकात की। साथ ही जलभराव की समस्या के समाधान को लेकर तैयार की गई एक योजना के माध्यम से सुझाव अधिकारियों के समक्ष रखे।
ऐसे मिल सकता है निजात…
प्रतिनिधि मंडल में शामिल लोक अदालत परिवादी सत्यवीर जैन, रवि पारीक एवं सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण मोदी ने निगम के अभियंताओं को अवगत कराया कि कोटगेट, केईएम रोड़ होते हुए जूनागढ़ की तरफ आने वाले पानी को विभाजित कर सीधा नेकी की दीवार समीप बने नाले में उतार दिया जाए, इससे सूरसागर एवं गिन्नाणी में आने वाला अधिकांश पानी अलग-अलग हिस्सों में बंट जाएगा। इससे सूरसागर की समस्या का आधा समाधान हो जाएगा। प्रतिनिधि मंडल के अनुसार निगम के अधिकारियों ने उक्त प्रस्ताव को स्वीकार किया है।
सर्वे रिपोर्ट की फाइल नहीं…
प्रतिनिधि मंडल का आरोप है कि पूर्व जिला कलक्टर कुमार पाल गोतम ने इस गिन्नाणी के नालों एवं सूरसागर में जल भराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए एक कमेटी सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता दुर्गा प्रसाद सोनी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। जिन्हें सर्वे कर रिपोर्ट पेश करनी थी। सोनी से प्रतिनिघि मण्डल मिला तो उन्हेंं अवगत करवाया कि एक रिर्पोट तैयार कर नगर निगम के तत्कालीन अभियंता रविन्द्र विश्नोई को सौंपी थी, लेकिन उक्त फाइल तत्कालीन अभियंता अपने साथ ही ले गए। इस कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। फाइल को लेकर निगम प्रशासन भी गंभीर नहीं है।
ठेकेदार ने अटकाया काम…
प्रतिनिधि मण्डल को अधीक्षण अभियंता ललित ओझा ने अवगत कराया कि निगम ने बीते साल 3 करोड़ रुपए का ठेका सभी नालों की सफाई करने के लिए दिया था। लेकिन ठेकेदार ने उदासीनता बरतते हुए महज एक करोड़ कार्य ही किया और भुगतान उठा लिया है, लेकिन काम आज तक पूरा नहीं किया।
कलक्टर को कराया अवगत…
प्रतिनिधि मण्डल ने समस्या से जिला कलक्टर को अवगत कराया और सुझाव उनके समक्ष रखे, इस पर जिला कलक्टर ने 05 अगस्त को निगम प्रशासन, नगर विकास न्यास, आर.यू.आई.डी.पी. एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ प्रतिनिधि मण्डल की बैठक कराने के निर्देश दिए।





