बीकानेर abhayindia.com बीकानेर की शान कहे जाने वाले प्रसिद़ध पर्वतारोही मगन बिस्सा अब हमारे बीच नहीं रहे। बिस्सा का शुक्रवार सुबह पुणे में मंकी क्रॉलिंग के डेमो के दौरान हुए हादसे में जख्मी हो गए। बाद में अस्पताल में उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। उनका शव देर रात बीकानेर लाया जाएगा।
आपको बता दें कि पर्वतारोहण व एडवेंचर को मगन बिस्सा के जीवन का हिस्सा बन चुके थे। बिस्सा नेशनल एडवेंचर फाउंडेशन (नेएएफ) के राजस्थान व गुजरात के डायरेक्टर रहे और भारतीय पर्वतारोहण संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे। बिस्सा ने शादी के कुछ माह बाद ही अपनी पत्नी डॉ. सुषमा बिस्सा को भी इस एडवेंचर का हिस्सा बना लिया। विश्व के प्रथम पर्वतारोही तेंजिंग नोरगे से प्रभावित होकर मगन बिस्सा पर्वतारोही बने।
बताते हैं कि वर्ष 1985 में भारतीय सैन्य एवरेस्ट अभियान दल में शामिल होकर एवरेस्ट के सबसे मुश्किल रास्ते दक्षिण-पश्चिम से ऊपर चढ़ चुके मगन बिस्सा का संतुलन बिगड़ गया था, जिससे वे 700 मीटर नीचे गिर गए। हादसे में पैर टूट गया। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। वर्ष 2009 में पत्नी डॉ. सुषमा के साथ नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी का हिस्सा बने। पांच दिन के रेस्ट के लिए नीचे आते समय हिमस्खलन की चपेट में आने से आंतों में गैगरीन हो गया। नाजुक हालत में रेस्क्यू कर काठमांडू लाया गया। जहां उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड वाइलरी साइंस अस्पताल में एक साल तक भर्ती रखा गया। जान बचाने के लिए उनकी छोटी आंत तक काटनी पड़ी थी।
बिस्सा को पर्वतारोहण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान पर राजस्थान का महाराणा प्रताप खेल अवार्ड, नेशनल एडवेंचर क्लब का भारत गौरव मेडल, भारतीय पर्वतारोहण संघ का गोल्ड मेडल, पंडित किशनसिंह नैन अवार्ड मिल चुके थे।
इधर, बिस्सा के निधन की खबर से समूचा खेल जगह स्तब्ध रह गया है। उनकी पत्नी डॉ. सुषमा बिस्सा की बहन एवं भाजपा पार्षद सुधा आचार्य का शुक्रवार को ही माइनर ऑपरेशन कराया गया है। उन्होंने रूंधे गले से बताया कि मुझे तो अभी-अभी घटना का पता चला है। वे इससे आगे कुछ नहीं बोल पाई।
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