








बीकानेर abhayindia.com शहर में खस्ताहाल हुई सड़कें यहां के रसूखदार ठेकेदारों की पोल खोल रही है। हालात यह है कि ये टूटी हुई सड़कें हादसों की सबसे बड़ी वजह भी बन रही हैं। नगर विकास न्यास और नगर निगम के माध्यम से बनने वाली सड़कें गुणवत्ता के लिहाज से कहीं भी नहीं टिकती। वर्तमान में बरसाती दौर के चलते सड़कों की हालत ऐसी हो गई है जैसे बाढ झेल चुकी हो।
बताया जाता है कि इनमें से अधिकांश सड़कें अभी कुछ माह पहले ही बनाई गई थी। इनमें ज्यादतर सड़कें अभी गारन्टी पीरियड में है। इनके टूटने और क्षतिग्रस्त होने पर ठेकेदार फर्म की धरोहर राशि जब्त कर उस पर जुर्माने का प्रावधान भी है, लेकिन निगम के अधिकांश ठेकेदार सत्तारूढ दल वाले नेताओं के नजदीकी होने के कारण प्रशासन भी ठेकेदारों पर कार्यवाही की लगाम कसने में नाकाम है। निगम के अभियंता भी नेताओं के रसूखदार ठेकेदारो के खिलाफ कार्यवाही में नाकाम बने रहने को मजबूर है।
सूत्रों ने बताया कि शहर में सड़के ही नहीं नाले-नालियों पर बनाई गई दीवारें और चैम्बर वगैरहा भी बारिश दौर में बह गए। जग जाहिर है कि इनके निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ और तकनीकी रूप से भी ठेकेदारों ने घोर अनियमितताएं बरती और इसकी पुख्ता जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार अभियंता ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर पा रहे है।
इधर, यूआईटी के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की पोल खोलते एक मामले से भाजपा पार्षद नरेश जोशी पिछले कई महीनों से न्यास के अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं, लेकिन जांच के नाम पर कुछ भी कार्रवाई नहीं हो रही। पार्षद जोशी ने बताया कि नत्थूसर गेट से सच्चियाय माताजी मंदिर तक सीसी रोड का निर्माण आधा–अधूरा पडा है, जो निर्माण हुआ है उसकी गुणवत्ता की पोल सबके सामने खुली हुई है।

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि न्यास प्रशासन से बार–बार अनुरोध करने के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि यदि एक सप्ताह में न्यास प्रशासन ने सडक निर्माण का काम शुरू नहीं कराया और गुणवत्ता की जांच नहीं कराई तो आंदोलन शुरू करने पर मजबूर होंगे।





