जयपुर abhayindia.com नागौर संसदीय सीट से भाजपा के समर्थन से लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बने आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल एक माह के अंदर-अंदर खींवसर विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे। बेनीवाल गत राजस्थान विधानसभा चुनाव में खींवसर सीट से विधायक चुने गए थे, अब वे चूंकि सांसद निर्वाचित हो चुके है इसलिए विधायक पद से इस्तीफा देंगे।
बेनीवाल ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि अब दिल्ली जाकर काम करेंगे, राजस्थान में ज्यादा संघर्ष करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां सरकार कमजोर है और आहवान करके ही काम करा लेंगे। बेनीवाल ने कहा कि कांग्रेस हारने के बाद ईवीएम पर दोष मंढती है, जो कि गलत है, जबकि ये विधानसभा में जीते थे, तब नहीं बोले। इस बार भी राहुल गांधी एक सीट से हारे है और एक से जीते भी है, ऐसे में ईवीएम खराब कैसे हो गई।
बेनीवाल ने कहा कि इस चुनाव में माया-अखिलेश ने गठबंधन कर लिया, सारे गुंडे मिल गए, लेकिन मोदीजी अब पांच सालों में इनकी दुकानें बंद कर देंगे। आने वाले पांच सालों में भारत नौजवानों का देश होगा। नरेन्द्र मोदी अगले पांच साल ही नहीं, बल्कि परमानेंट रहने वाले हैं।
बेनीवाल ने कहा कि नागौर में जिन्होंने वोट दिए और जिन्होंने नहीं भी दिए, उनको भी साथ लेकर चलूंगा। मेरा घर चौबीस घंटे खुला है, यह जनता का घर है, यहां मेरी अलग से व्यवस्था नहीं है। पर्ची से नहीं मिलता और न ही दो नंबर रखता हूं। मेरे समाज के ठेकेदार भी कहते थे- हनुमान को हरा देंगे, लेकिन उनकी दुकानें बंद हो गई। इस चुनाव में राजस्थान में जाट और राजपूत एकता भी हो गई। जोधपुर से इसकी शुरूआत हो गई है। बेनीवाल ने आरएलपी-भाजपा गठबंधन के लिए प्रकाश जावडेकर और संघ के नेताओं का आभार जताया। उन्होंने यह भी कहा कि देश को जरूरत पडी तो आरएलपी की कुर्बानी को तैयार है, लेकिन भारत माता को कमजोर हाथों में नहीं जाने देंगे।
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