बीकानेर abhayindia.com बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज (ईसीबी) में 1999 से अब तक गबन, चोरी के कई मामले सामने आ चुके है। पुलिस थानों में एफ.आई.आर. भी दर्ज हो चुकी है, इसके बावजूद कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है। अधिवक्ता सुरेश गोस्वामी ने प्रदेश के मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता को पत्र भेजकर बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज में 1999 से लेकर 2005 तक अंकेक्षण विभाग द्वारा 15 से 20 लाख रूपये की गबन के मामलों को उजागर किया था तथा गबन कर्ताओं से राशि वसूल करने के आदेश यथासमय दिये गये थे। तत्कालीन प्राचार्य व तकनीकी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा उक्त राशि की अभी तक वसूली नहीं की गई है।
अधिवक्ता गोस्वामी ने पत्र में अवगत करवाया कि बीकानेर इंजीनियरिंग काॅलेज में छात्र के रहवास के लिए 5 छात्रावास बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज सोसायटी द्वारा संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें करोड़ों रूपये के सामान, फर्नीचर, डिस्क, टी.वी., कूलर, ए.सी., बर्तन, अलमारियां, पंखे छात्रावास के अधीक्षकों द्वारा तथा बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज के कथित उच्चाधिकारियों द्वारा चोरी किये जा चुके है। तकनीकी शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार द्वारा इन छात्रावासों का आज दिनांक तक कोई भौतिक सत्यापन नहीं किया गया है, जिससे चोरी कर्ताओं के हौसले आज भी बुलन्द है।
उन्होंने पत्र में यह भी बताया है कि कॉलेज की कम्प्यूटर लैब में सैकड़ों कम्प्यूटरों का टेक्यू एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं से कम्प्यूटर लैब में प्रति तीन चार साल में सैकड़ों की तादाद में कम्प्यूटर आते जाते रहते है जिनका भी कोई हिसाब-किताब नहीं है। यही नहीं, कॉलेज के 1999 से लेकर आज तक छात्रों के द्वारा जमा कराई गई कॉशन मनी, सेमीनार फीस तथा अन्य प्रकार के अन्य शुल्क का कोई भी ब्यौरा व खाता नहीं है। कॉलेज 1999 से संचालित हुआ है तब से इसका भौतिक सत्यापन नहीं किया गया है।
…तो इसलिए निजी हाथों में जाएंगे राजस्थान के गढ़-किले होटल और डाक बंगले