








बीकानेर abhayindia.com। नोखा से बीकानेर आ रही कार में बुधवार को बरामद हुए आठ लाख रुपए ने जहां जिला प्रशासन और निर्वाचन विभाग को चौकन्ना कर दिया है, वहीं नेताओं में भी खलबली मच गई है। आचार संहिता के चलते जब्त की गई इस राशि को चुनावों से भी जोड़ा जा रहा है। निर्वाचन विभाग पर भाजपा के नेताओं ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच का भी दबाव बनाया है।
बताया जाता है कि जिन नेताओं का नाम इस राशि के लिए आ रहा है, उनकी तरफ से भी काफी दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। इस दबाव की वजह से ही पुलिस ने इस मामले को निर्वाचन विभाग से जोड़ दिया है। पता चला है कि नेताओं ने नोखा में निर्वाचन अधिकारी को भी दबाव में लेने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी और आखिरकार राशि जब्त कर ली गई। इस राशि के संबंध में बिल प्रस्तुत किए जाने के बाद भी वापस की जाएगी, संभावना इस बात की भी व्यक्त की जा रही है कि निर्वाचन विभाग इस राशि के स्रोत पता लगाने के लिए पूछताछ भी करे। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका तो निर्वाचन विभाग कार्रवाई भी कर सकता है।
जानकारी में रहे कि नोखा पुलिस ने नाकेबंदी के दौरान बुधवार को यह राशि सफेद ब्रेजा कार से बरामद की थी। इस कार में उस्मान अली पुत्र हाजी अहमद सहित असगर अली व सलमान राठौड़ थे, जो बीकानेर जा रहे थे। सिटी कोतवाली क्षेत्र में फर्नीचर का काम करने वाले उस्मान गनी ने रुपये अपने बताए और यह भी कहा कि मेड़ता, नागौर से अपने व्यापार के सिलसिले में गया था, वहीं से दुकानदारों से पैसे लेकर घर आ रहा है, लेकिन इस संबंध में किसी तरह का बिल नहीं दिखाने के कारण मामला संदिग्ध लगा। फिर जब कुछ नेताओं के फोन पुलिस के पास आने लगे तो यह मामला निर्वाचन अधिकारी तक पहुंच गया और एफआईआर दर्ज हो गई। इस राशि को लेकर कोतवाली क्षेत्र के ही एक कांग्रेसी नेता का नाम आ रहा है, जिसने पुलिस को दबाव में लेने का प्रयास किया तो मामला बिगड़ गया। जानकारी के अनुसार भाजपा के कुछ नेताओं ने इस मामले की जांच करवाने के लिए प्रशासन पर दबाव डाला है।
भाजपा के अर्जुन-कांग्रेस के मदन ने दाखिल किए नामांकन, बाहर इसलिए उडे काले गुब्बारे…..





