








बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पाल गौतम ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव-2019 में मतदाता केवल वोटर स्लिप के आधार पर मतदान नहीं कर सकेंगे। मतदान के लिए मतदाता को इपिक कार्ड (मतदाता फोटो युक्त पहचान पत्र) दिखाना होगा। इपिक कार्ड नहीं होने की स्थिति में 11 अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक को दिखाने पर ही मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
गौतम ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार लोकसभा चुनाव में इपिक कार्ड के अलावा पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स, राज्य या केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैकों या डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पेन कार्ड, आरजीआई एवं एन.पी.आर द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, विधायकों, सांसदों को जारी किए सरकारी पहचान पत्र या आधार कार्ड में से कोई एक दस्तावेज को मतदान करते समय दिखाना जरूरी होगा। केवल मतदाता पर्ची के आधार पर कोई भी मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
दिसम्बर में हुए विधानसभा चुनाव में वोटर स्लिप को पहचान का आधार मानकर मतदान कराया गया था, लेकिन इनके दुरूपयोग होने की आशंका को देखते हुए आयोग ने नए निर्देश जारी किए हैं। हालांकि इस बार भी वोटर स्लिप सभी मतदाताओं तक सुविधा के लिए पहुंचाई जाएगी, लेकिन केवल मतदाता पर्ची पहचान का वैध दस्तावेज नहीं होगी। मतदाताओं के फोटोयुक्त पहचान पत्र और आधार कार्ड होने के कारण भी आयोग ने यह निर्णय लिया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें मय फोटो, वीडियो आदि निर्वाचन आयोग के सी–विजिल–एप में की जा सकती है, जिससे इन पर 100 मिनट की अवधि में कार्यवाही की जा सके। उन्होंने इलेक्शन हैल्प लाइन नंबर 1950 की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मतदाता अपना नाम निर्वाचन विभाग द्वारा तैयार ‘राज इलेक्शन’ एप एवं सीईओ राजस्थान की वेबसाइट पर भी ढूंढ सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसी मोबाइल में इंटरनेट नहीं होने की स्थिति में मतदाता एसएमएस के जरिए भी अपना नाम चेक कर सकते हैं।
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