बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। नोखा विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी बिहारी लाल बिश्नोई ने भले ही कांग्रेस प्रत्याशी एवं नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी पर धमाकेदार जीत दर्ज कर राजनीतिक हलके में तगड़ी हलचल मचा दी, लेकिन यहां किंगमेकर की भूमिका में एक बार फिर जसरासर का दानाराम-श्रीराम तर्ड़ परिवार ही सामने आया है। इस परिवार की बहू इंदु देवी तर्ड़ ने यहां से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इंदु ने हालांकि लगभग साढ़े चार हजार वोट लिए, लेकिन चुनाव में उसकी मौजूदगी ने परिणामों पर व्यापक प्रभाव जरूर छोड़ दिया।
आपको बता दें कि इंदु देवी कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी की भानजी हैं। तर्ड़ और डूडी परिवार के बीच पिछले लंबे समय से खींचतान चल रही थी। इसी के चलते इंदु देवी को डूडी के सामने चुनाव मैदान में उतार दिया गया है। इसी के चलते डूडी के पारंपरिक वोटों में सेंध लग गई और भाजपा प्रत्याशी बिहारी लाल बिश्नोई को इसका सीधा फायदा मिल गया।
राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि इससे पहले 2008 में तर्ड़ और डूडी परिवार के ताल्लुकात बिगड़े थे, तब भी रामेश्वर डूडी चुनाव हार गए थे और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कन्हैयालाल झंवर जीत। इसके बाद पिछले चुनाव 2013 में तर्ड़ और डूडी परिवार के बीच संबंध सुधर गए। इसका असर चुनाव परिणामों पर भी नजर आया और डूडी चुनाव जीत गए। लेकिन बाद में फिर से बिगड़े ताल्लुकात इस बार के चुनाव में डूडी के लिए भारी पड़ गए।
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