







जयपुर Abhayindia.com भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के माहौल के मद्देनजर राजस्थान में भी सरकार अलर्ट मोड पर है। प्रदेश में आपात स्थिति को लेकर भी प्रशासन आवश्यक तैयारियों में जुटा है। राज्य के गृह विभाग ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सभी जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनन्द कुमार द्वारा समस्त अस्पतालों में सभी प्रकार की आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं रखने, डॉक्टर मय स्टाफ के उपस्थित रहने और ब्लड बैंक में सभी ग्रुपों के रक्त की पर्याप्त मात्रा रखने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही चिन्हित अस्पतालों व स्कूलों में जहां पर अस्थाई अस्पताल एवं लोगों के रहने की व्यवस्था की जा सकती है, वहां जनरेटरों की व्यवस्था भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस प्रशासन और साइबर सेल को सोशल मीडिया पर पूर्ण निगरानी रखने तथा देश के विरुद्ध भड़काऊ पोस्ट अथवा सामग्री पर तुरंत कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है, जिससे प्रदेश में माहौल खराब न हो। जिला कलेक्टर को निर्देश हैं कि वे यह भी सुनिश्चित करें कि आपात स्थिति में जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध रहे। लोग खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का अनावश्यक भंडारण न करें, उसके लिए लोगों को भी जागरूक करें।
जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग सुनिश्चित करेगा कि आपात स्थिति में पेयजल की पूर्ण व्यवस्था आमजन के लिए उपलब्ध हो। सीमावर्ती जिलों के संभागीय आयुक्त, महानिरीक्षक पुलिस, जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक को संबंधित सेना एवं अन्य केन्द्रीय एजेंसियों के अधिकारियों से निरंतर संपर्क रहने के लिए कहा गया है ताकि आपसी समन्वय के साथ कोई कार्रवाई की जा सके।
इसके साथ ही जो गांव सीमा पर स्थित हैं, वहां आपात स्थिति में निकास की योजना भी पूर्ण रूप से तैयार रखने के लिए कहा गया है। सीमावर्ती जिलों में अति संवेदनशील स्थलों की सूची को अपडेट कर उसमें अस्पताल, पॉवर प्लान्ट, तेल एवं गैस के डिपो/ पाइप लाइन, धार्मिक स्थलों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने और पंचायत एवं ग्राम स्तर पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं की पूर्ण जानकारी पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आमजन को यह विश्वास हो कि संकट की घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है।
मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देशों में यह भी कहा गया है कि जिलों में अग्निशमन सेवाओं को एक्टिव मोड पर रखा जाए, जिले में संचार सेवाओं को सुचारू रखा जाए तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर्याप्त संख्या में चालू स्थिति में उपलब्ध रहे। जिले में समय-समय पर आपदा प्रबंधन योजना की मॉक ड्रिल की जाए और आपदा की स्थिति में गैर सरकारी संगठनों, राष्ट्रीय सेवा योजना, नेशनल कैडेट कोर की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।



