Monday, March 17, 2025
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नया बिजली कनेक्शन लेना हुआ और आसान, वितरण कंपनियों की पहल

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जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में नए बिजली कनेक्शन के लिए ई-मित्र के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाया गया है।

डिस्कॉम्स चेयरमैन आरती डोगरा ने बताया कि ई-मित्र एप्लीकेशन को अब डिस्कॉम्स के न्यू कनेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम मॉडयूल से इंटीग्रेटेड कर दिया गया है। जिससे अब ई-मित्र पर आवेदन के साथ ही डिस्कॉम्स कार्मिकों के स्तर पर की जाने वाली इंस्पेक्शन, डिमांड नोट जारी करने आदि समस्त प्रक्रियाएं भी एनसीएमएस मॉड्यूल पर संधारित की जाएंगी। इससे आवेदकों को ई-मित्र के माध्यम से आवेदन के बावजूद कनेक्शन के लिए डिस्कॉम कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता अब नहीं होगी और सुगमता एवं पारदर्शिता के साथ उन तक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी। इससे लंबित कनेक्शनों की मॉनीटरिंग का काम भी ऑनलाइन हो पाएगा। जयपुर, जोधपुर एवं अजमेर विद्युत वितरण कम्पनियों ने एक साथ यह सुविधा प्रारंभ कर दी है।

उल्लेखनीय है कि बिजली बिल जमा कराने, कनेक्शन के लिए आवेदन तथा अन्य सेवाओं के भुगतान संबंधी सेवाएं ई-मित्र पर पहले से ही प्रदान की जा रही थीं। लेकिन ई-मित्र एप्लीकेशन के एनसीएमएस मॉड्यूल से इंटीग्रेटेड नहीं होने के कारण आवेदकों को इसके बाद भी डिस्कॉम कार्यालय जाना पड़ता था। अब इससे सब डिविजन कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

डोगरा ने बताया कि जल्द ही स्वीकृत विद्युत भार में बढोतरी अथवा कमी, नाम और श्रेणी परिवर्तत जैसी सेवाएं भी ई-मित्र के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि नए कनेक्शन के लिए आवेदन की यह सुविधा बिजली मित्र मोबाइल ऐप पर भी उपलब्ध है।

पेपरलैस सिस्टम को मिलेगी मजबूती

डोगरा ने बताया कि इससे सब डिविजन कार्यालयों में हर कनेक्शन के लिए अलग से मैन्यूअल पत्रावलियां तैयार करने से फाइलों के बढ़ते बोझ के काम को भी कम किया जा सकेगा। इससे राजस्थान डिस्कॉम्स की कार्यप्रणाली में पेपरलैस सिस्टम को मजबूती मिलेगी।

साइट निरीक्षण में आएगी पारदर्शिता

आवेदक द्वारा नए कनेक्शन के लिए आवेदन के पश्चात् साइट के निरीक्षण के लिए जेईएन साइट सत्यापन मोबाइल एप्लीकेशन को भी एनसीएमएस के साथ एकीकृत कर दिया गया है। इससे नए कनेक्शन की फिजिबलिटी तथा एस्टीमेट मौके पर ही तैयार किया जाएगा। जेईएन साइट वेरीफिकेशन एप और एनसीएमएस के इंटीग्रेटेड किए जाने से ऑन साइट जांच में पारदर्शिता आएगी और समय की बचत भी होगी। 

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