किसी भी रोग के लिए जन्मजात ग्रह अधिक प्रभावी भूमिका निभाते हैं, लेकिन वास्तु का हस्तक्षेप भी इनसे कम नहीं है। अक्सर देखा जाता है कि घरों के निर्माण और वहां के इंटीरियर में तो लोग अनाप-शनाप खर्च करते हैं किंतु वहां के वास्तुदोष के कारण घर में रहने वाले तमाम तरह की बीमारियों से ग्रस्त रहते हैं। इन बीमारियों के इलाज में लाखों खर्च करते हैं लेकिन अपने मकान वास्तु बीमारी का इलाज सही समय पर नहीं कराते है। वास्तु ग्रन्थों में कहा गया है- “वायु प्रकाश दोषेण यस्य गृहस्य स्वास्थ्यं नाशितम्। तस्य गृहिणः सर्वे रोगैः पीड्यन्ते निश्चितम्।” इसका आशय है जिस घर में वायु और प्रकाश की कमी होती है, उस घर के निवासी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होते हैं और उन्हें रोगों से पीड़ा होती है।
वास्तुशास्त्र और स्वास्थ्य के बीच एक गहरा संबंध है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर की वास्तु स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। दिशा और स्थान, वायु और प्रकाश, रंग और सजावट, पानी और जल स्रोत हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। धर्मार्थकाममोक्षाणामारोग्यं मूलमुत्तमम्। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष- इन चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति के लिए स्वास्थ्य ही सर्वोत्तम आधार है। परंतु आज के समय में बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे की वजह खराब लाइफस्टाइल और खानपान है। पिछले कई दशकों में कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इस बीमारी के पीछे, खानपान व लाइफस्टाइल के साथ ही वास्तु को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
वास्तु दोष लगने पर घर में बीमारी से लेकर आर्थिंक तंगी समेत कई अन्य समस्याएं बढ़ती हैं, जो व्यक्ति के जीवन में बर्बाद कर देता है। किसी प्लॉट, मकान या फ्लैट को खरीदने से पहले वास्तु के बारे में उचित जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। किसी जगह का वास्तु सही होना बेहद जरूरी है, इसीलिए अधिकतर लोग वास्तु को ध्यान में रखकर ही प्लॉट वगैरह की खरीदारी करते हैं। वास्तु दोष इंसान की जिंदगी को तबाह करके रख देता है।
किसी घर में वास्तु दोष होने पर परिवार के सदस्यों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है यह तो हम सभी जानते हैं, लेकिन भला वास्तु दोष से किसी को कैंसर जैसा भयानक रोग भी हो सकता है यह बात सुनने में अजीब लग सकती है लेकिन पिछले दिनों वास्तु विजिट के दौरान कई घरों में वास्तु दोष देखा। तमाम तरह के कैंसर के मेडिकल कारण अपनी जगह सही है लेकिन जो एक बार ही नहीं कई जगह पर देखा अनुभव किया उसे नकारा भी तो नहीं जा सकता। मैं गंभीर रोगों के इलाज के लिए डॉक्टर व चिकित्सक की सलाह को ही गंभीरता से लेने की सलाह देता हूँ। वैकल्पिक तौर पर वास्तु उपाय करने में भी कोई हर्ज नहीं है। पिछले दिनों वास्तु विजिट के कई स्थानों पर कॉमन समस्या पाई गई। इस केस स्टडी के आधार पर ही निष्कर्ष निकाले गए।
ब्लड कैंसर : मैंने राम (परिवर्तित नाम) का घर देखा जो कि पूर्व मुखी था उस घर के पश्चिम-दक्षिण का भाग नीचा था तथा ईशान कोण में कमरा बना हुआ था जिसमें विवाहित सोते थे। उस घर में यह भी समस्या थी कि दक्षिण-पूर्व में पानी का जलकुंड था तथा वहीं शौच का स्थान भी बनाया हुआ था और उस घर में इन वास्तुदोषों के कारण एक ऐसे व्यक्ति को ब्लड कैंसर हुआ जिसका मैं सोच भी नहीं सकता था और आखिरकार व्यक्ति इस दुनिया में नहीं रहा।
गले का कैंसर : एक घर मैंने मीना (परिवर्तित नाम) का देखा जो की पूर्व मुखी था उस घर में ईशान कोण में बाथरूम था और साथ ही बाथरूम और मंदिर की दीवार भी सटी हुई थी। मैंने देखा कि वहाँ की मालकिन को जवानी में कैंसर हुआ और आज वह क़रीब 65 वर्ष की हो गई है आज तक वह कैंसर से लड़ाई लड़ रही है और इसमें उनकी बहुत सारी कमाई चली गई इस घर पर टी भी लगता है।
स्तन कैंसर : एक घर मैंने दुर्गा (परिवर्तित नाम) का देखा जहाँ पर मैंने पाया कि वह घर पूर्व मुखी था लेकिन उस घर के आग्नेय कोण में अण्डरग्राउंड था तथा वहाँ की रसोई भी उचित स्थान पर नहीं थी। इसके साथ ही वह घर अनियमित आकार का था । इन वास्तु दोषों का प्रभाव यह रहा कि उस घर में स्तन कैंसर हो गया।
ब्रेन कैंसर : अगर आपके घर का वायव्य कोण (उत्तर और पश्चिम दिशा का कोना) घर के बाकी हिस्सों से ऊंचा है तो आपके परिवार में इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही घर के अग्नेय कोण, नैऋत्य कोण (दक्षिण–पश्चिम का कोना) और दक्षिण दिशा में पानी का स्रोत होना भी इस बीमारी की वजह बना सकता है।
गुदा का कैंसर : एक बार मैंने मोहन (परिवर्तित नाम) का घर देखा था। उस घर के सदस्यों के साथ यह समस्या थी कि वहाँ एक भाई को कैंसर होता था उसका इलाज करवाते और वह मर जाता। उसके बाद दूसरे भाई को कैंसर हो जाता था, उसका इलाज करवाते हैं और वह भी मर जाता। ऐसी स्थिति में मैंने उस घर में यह वास्तुदोष देखा कि उसकी उसके घर का नैऋत्य कोण बढ़ा हुआ था तथा बढ़े हुए नैऋत्य कोण में ही शौच की निकासी के लिए गहरा गड्ढा खोदा हुआ था। मेरा मानना है कि इस तरह के गंभीर रोगों का मेडिकल इलाज तो हर हाल में करवाना ही चाहिए। साथ ही समय रहते वास्तु दोष का निराकरण कर लिया जाए तो अच्छे परिणाम जल्द मिल सकते है। –सुमित व्यास, एम.ए (हिंदू स्टडीज़), काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, मोबाइल – 6376188431