नई दिल्ली (अभय इंडिया न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए तीन बड़े ऐलान किए। यह ऐलान स्वास्थ्य, अंतरिक्ष और महिलाओं से जुड़े हुए हैं। इसमें सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम ‘आयुष्मान भारत’, अंतरिक्ष के लिए भारत की भविष्य की योजना और सेना में महिलाओं की एंट्री पर बात की गई।
पीएम मोदी ने बताया कि 2022 तक कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। इससे भारत अंतरिक्ष में मानव को भेजने वाला चौथा देश बन जएगा। लाल किले से मोदी ने कहा कि मैं आज देशवासियों को एक खुशखबरी दे रहा हूं। 2022 में जब देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे या हो सके तो उससे पहले मां भारती की कोई संतान, चाहे बेटा हो या बेटी, अंतरिक्ष में जाएगी। उसके हाथ में तिरंगा होगा। इसके साथ ही भारत मानव को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।
मंगलयान से लेकर अब तक भारत के वैज्ञानिकों ने अपनी ताकत का परिचय करवाया है, अब हम मानव सहित गगनयान लेकर जाएंगे और यह गगनयान जब अंतरिक्ष में जाएगा, हिंदुस्तानी इसे लेकर जाएगा तब विश्व के अंदर ऐसा करने वाले हम चौथे देश होंगे। बता दें कि इस मिशन के लिए इसरो कड़े प्रयास कर रहा है। इसके लिए करीब 9 हजार करोड़ रुपये बजट रखा गया है।
आयुष्मान भारत 25 सितंबर से
आयुष्मान भारत योजना देशभर में 25 सितंबर से शुरू की जाएगी। लाल किले से बोलते हुए पीएम ने कहा कि पंडित दीनदयाल की जयंती पर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू कर दी जाएगी। इससे निर्धनों को अच्छी और किफायती हेल्थ केयर सुविधा मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इसकी टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। इस योजना का लाभ उठाने वाले गरीब मरीजों का इंश्योरेंस किया जाएगा और उनका कैशलेस इलाज किया जाएगा। पहले खुद के खर्चे से इलाज करवाकर सरकार से पांच लाख रुपये तक की रकम वापस पाने का झंझट नहीं होगा।
सेना में महिलाओं को अधिकार
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महिलाओं को भी तोहफा दिया। उन्होंने सेना में महिला अधिकारियों को भी स्थाई कमीशन देने की घोषणा की। पीएम ने बताया कि अब भारतीय सशस्त्र सेना में शॉर्ट सर्विस कमिशन के माध्यम से नियुक्त महिला अधिकारियों को पुरुष समकक्ष अधिकारियों की तरह ही परीक्षा देकर स्थायी रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं स्कूल से लेकर सेना तक कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में पहली बार तीन महिला न्यायाधीश हैं।