पाकिस्तान में आगामी 25 जुलाई को होने जा रहे असेंबली के चुनाव में पहली बार एक हिन्दू महिला भी प्रत्याशी के रूप में अपना भाग्य आजमा रही है। सिंध प्रांत में होने वाले चुनावों में मेघवार समुदाय से आने वाली सुनीता परमार (31) थारपरकर जिले में पडऩे वाली पीएस-56 विधानसभा सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रही हैं।
बता दें कि वर्ष 2017 की जनगणना के अनुसार थारपरकर की कुल आबादी 16 लाख है। इसमें से आधे हिन्दू हैं। यह ऐसी इकलौती सीट है जहां पर समूचे पाकिस्तान के मुकाबले सबसे ज्यादा हिन्दू मतदाता हैं। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार सुनीता परमार ने कहा है कि पूर्व सरकार की वादाखिलाफी के चलते उन्होंने चुनाव लडऩे का निर्णय किया है। पूर्व की सरकार ने लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक भी काम नहीं किया। इक्कसवीं सदी में भी महिलाओं के लिए मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षण संस्थाओं की कमी है।
सुनीता ने कहा है कि यदि वो चुनाव जीतती हैं तो अपने विधानसभा क्षेत्र में बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को ठीक करने का काम करेंगी। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में मार्च में एक ङ्क्षहदू दलित महिला कुष्णा कुमारी सीनेटर बनी थी। उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने सीनेट में महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर मनोनीत किया था।
अवरोधों को किया पार
सुनीता परमार ने तमाम अवरोधों को पार करते हुए चुनाव लडऩे का फैसला किया है। उस पर चुनाव नहीं लडऩे को लेकर काफी बाहरी दबाव था। वह थार इलाके में स्वास्थ्य, पेयजल और शिक्षा के लिए कार्य करना चाहती हैं। चुनाव प्रचार में सुनीता को उसके परिवार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। इस इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते शिशुओं में मृत्यु दर काफी ज्यादा है।