जयपुर Abhayindia.com उच्च अध्ययन के लिए असाधारण अवकाश लेने वाले चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सक शिक्षकों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। उच्च अध्ययन के लिए स्वीकृत 3 वर्ष तक के असाधारण अवकाश की अवधि अब विभिन्न उद्देश्यों के अंतर्गत अर्हक सेवा मानी जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सम्बन्ध में प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सक शिक्षक प्रोबेशनर अवधि पूर्ण करने के बाद उच्च अध्ययन के लिए समय-समय पर असाधारण अवकाश लेते हैं। ऐसे अवकाश की पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम 3 वर्ष की अवधि अब काल्पनिक वेतन वृद्धि स्वीकृत करने के लिए अर्हक सेवा मानी जाएगी। इसी प्रकार, स्वीकृत असाधारण अवकाश में से पूर्ण सेवाकाल में 3 वर्ष की अवधि राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम-20 के प्रावधानों के अनुसार अर्हक सेवा मानी जाएगी। डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेस (डीएसीपी) के लिए यह सेवा में गणना योग्य होगी।
आपको बता दें कि वर्तमान में सुपर स्पेशलाइजेशन करने वाले चिकित्सकों को स्वीकृत असाधारण अवकाश की अवधि सेवा में गणना योग्य नहीं होती है। इस कारण एम.डी./एम.सी.एच. करने वाले चिकित्सक अपने समकक्ष चिकित्सकों से कनिष्ठ हो जाते हैं। मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से अब ऐसे चिकित्सकों को राहत मिलेगी।