बजट अभाव में अटका बायोलॉजिकल पार्क, चार साल से रेंग रहा निर्माण कार्य
बीकानेरAbhayindia.com बीकानेर वासियों के लिए ‘जू’ (जन्तुआलय) एक सपना सा बन गया है। एक दशक से से भी ज्यादा समय करीब 12 साल पहले ही आमजन के लिए जन्तुआलय बंद हो गया था।
वर्ष 2016 मेंं नए सिरे उम्मीद जगी, सरकार ने मरुधरा बायोलॉजिकल पार्क का निर्माण कार्य बीछवाल में शुरू किया था। उस दौरान लोगों को फिर से उम्मीद नजर आई, लेकिन आज चार साल बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस। वर्तमान में बायोलॉजिकल पार्क निर्माण के नाम पर महज चार दीवारी और एक पिंजरे का निर्माण ही पूरा हो सका है। चार पिंजरों का निर्माण लंबे समय से अटका पड़ा है। वन विभाग के सूत्रों की माने तो बजट के अभाव में काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
लॉक डाउन भी बना बाधा…
बताया जा रहा है इस साल निर्माण कार्य को लेकर जो बजट मिला था, वो लॉकडाउन की वजह से बजट काम नहीं आ सका। अब एक बार फिर से जिला प्रशासन भी हरकत में आया है, तो बताया जा रहा है कि जल्द ही अधूरे पड़े चार पिंजरों का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है।
फिर सुनाई देगी शेर की दहाड़…
बायोलॉजिकल पार्क के प्रभारी एवं सहायक वन संरक्षक हरिराम दुधवाल के अनुसार मरुधरा बायोलॉजिकल पार्क में 26 पिंजरे प्रस्तावित है। इसमें बीकानेर में एक बार फिर से शेर की दहाड़ सुनाई देगी।
यहां पर एक लॉयन, एक टाइगर, एक पैंथर, एक ब्लेक बग्गा आएंगे, जिनके लिए पिंजरों का निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा चिंकारा के लिए अलग से पिंजरें बनाए जाने हैं। इसके अलावा भी कई तरह के वन्य जीव बायोलॉजिकल पार्क में देखने को मिलेंगे।
36 करोड़ का बजट…
बायोलॉजिकल पार्क निर्माण में 36 करोड़ रुपए की लागत आएगी। उप वन संरक्षक(वन्य जीव) वीरेन्द्र जोरा के अनुसार इसके लिए अलग-अलग किस्तों में बजट आता है, 50 हैक्टेयर में प्रस्तावित बॉयोलोजिकल पार्क में अब तक 3500 मीटर चार दीवारी, एक पिंजरे का निर्माण पूरा और तीन पिंजरों का निर्माण आधा हो चुका है। एक पिंजरे का निर्माण कार्य अभी शुरू होना है , सड़क इत्यादि करीब साढ़े चार करोड़ रुपए का निर्माण कार्य हो चुका है।
वर्ष 2022 तक हो सकता है…
राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम के तत्वावधान तैयार हो रहे बायोलॉजिकल पार्क का निर्माण कार्य अगस्त 2016 में शुरू हो गया था, लेकिन अभी तक आधा निर्माण भी नहीं हुआ। विभाग की माने तो वर्ष 2022तक इसका निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद की जा रही है।
वर्तमान में है वन्य जीव…
बीकानेर में जन्तुआलाय एक दशक से भी ज्यादा समय से आमजन के लिए बंद है। इसमें जो वन्य जीव थे, उन्हें दूसरे जिलों में शिफ्ट कर दिया। वर्तमान में वो ही वन्य जीव और पक्षी इसमें रखे जाते हैं, जो बीमार या घायल हो जाते हैं। उनका उपचार किया जाता है।
By-Ramesh Bissa