Thursday, March 28, 2024
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वसुंधरा की सक्रियता और अमित शाह के राजस्‍थान आगमन को लेकर चल रही कई अटकलें…

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जयपुर Abhayindia.com केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राजस्‍थान आगमन और पूर्व मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे की देवदर्शनधार्मिक यात्रा के माध्‍यम से सक्रियता को लेकर राजनीतिक गलियारे में अटकलों का बाजार गरम हो गया है। आपको बता दें कि अमित शाह 5 दिसंबर को भाजपा के जनप्रतिनिधि सम्मेलन के समापन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने के लिए जयपुर आ रहे हैं। कार्यक्रम में वसुंधरा राजे के भी शामिल होने की संभावना है। ऐसा होने पर शाहराजे के बीच मुलाकात हो सकती है।

बताया जा रहा है कि यह मुलाकात अगले सियासी समीकरणों को देखते हुए अहम हो सकती है। आपको बता दें कि वसुंधरा समर्थित गुट की ओर से उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को मुख्‍यमंत्री का चेहरा घोषित किये जाने की मांग लगातार उठाई जा रही है। राजे ने हाल ही पार्टी लाइन से हटकर व्यक्तिगत देवदर्शनयात्रा के माध्‍यम से शक्ति प्रदर्शन किया है। इधर, खबर यह भी है कि अमित शाह प्रदेश भाजपा के बुलावे पर आ रहे हैं।

राजस्‍थान कांग्रेस : जिलाध्‍यक्षों के पैनल को हाईकमान की मंजूरी का इंतजार, खींचतान के चलते

जयपुर। प्रदेश की गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्‍तार के बाद अब कांग्रेस में सबसे बड़ी चुनौती संगठन में खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां करना है। जिलाध्‍यक्षों की नियुक्ति के लिए प्रदेश के दिग्‍गज नेताओं में खींचतान का दौर जोरों से चल रहा है। बताया जा रहा है जिन जिलों में जिलाध्‍यक्ष पद के लिए विवाद की स्थिति नहीं है वहां पहले चरण में जिलाध्‍यक्षों की घोषणा की जाएगी। इस चरण में करीब 20 जिलों के जिलाध्‍यक्ष फाइनल हो जाएंगे। इधर, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए हाईकमान से मंजूरी का इंतजार है।

आपको बता दें कि कांग्रेस में अभी 39 जिलाध्यक्ष के पद हैं। जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर में शहर और ग्रामीण के जिलाध्यक्ष हैं। अब जयपुर, जोधपुर और कोटा में दोदो शहर जिलाध्यक्ष बनाए जाने के बाद इन तीन जिलों में तीनतीन जिलाध्यक्ष हो जाएंगे।

इसलिए हो रही देरी

प्रदेश कांग्रेस में बड़े नेताओं की खींचतान के चलते ही सभी जिलों में जिलाध्‍यक्षों की नियुक्तियों का काम अटका हुआ है। हालांकि, अब आधे से ज्‍यादा जिलों में नामों पर सहमति बन चुकी है। लेकिन, अब भी कई जिलों में दो से तीन दावेदारों को लेकर एकराय नहीं बन सकी है।

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